आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय नेता एवं दिल्ली के शिक्षा मंत्री एवं उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कांग्रेस की चरणजीत सिंह चन्नी सरकार से पंजाब के सरकारी कॉलेजों में उच्च शिक्षा व्यवस्था को वर्षों से संभाल रहे करीब एक हजार गेस्ट-फैकल्टी सहायक प्रोफेसरों को बेरोजगार न किए जाने की अपील की है. सिसोदिया ने कहा कि वर्ष 2002 से जिन सहायक प्रोफेसरों ने रेगुलर और पार्ट टाइम प्रोफेसरों की तरह कर्मठता से शिक्षा व्यवस्था की मजबूती के लिए अत्यंत न्यूनतम वेतन पर काम किया, चन्नी सरकार उनसे विश्वासघात कर अब उन्हें घर बिठाने पर तुली है, जिनमें से कई नौकरी के लिए निर्धारित आयु सीमा भी लांघ चुके हैं.
इसे भी पढ़ेंः IPL 2022 Mega Auction: किस टीम में जाने वाले हैं क्रिस गेल?
पार्टी मुख्यालय से जारी बयान के अनुसार मनीष सिसोदिया ने अपने पंजाब दौरे के दौरान पंजाब के गेस्ट फैकल्टी प्रोफेसरों से मुलाकात की और उनके प्रति कांग्रेस सरकार के रवैए को अमानवीय और बेइंसाफी की इंतहा करार दिया है.पंजाब के शिक्षा विभाग पर गहराए संकट पर शिक्षा मंत्री एवं दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने पंजाब की कांग्रेस सरकार के घर-घर रोजगार के वादे पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि यह वादा तभी पूरा होगा, जब पंजाब की चन्नी सरकार प्राथमिकता के आधार पर पंजाब के सरकारी कॉलेजों में सेवाएं दे रहे 906 गेस्ट फैकल्टी सहायक प्रोफेसरों को बिना किसी टेस्ट-शर्त ‘डाइंग कैडर’ के आधार पर वन-टाइम सेटलमेंट कर सेवामुक्ति तक उनकी नौकरियां पक्की करे.
सिसोदिया ने कहा कि अकाली दल बादल व कांग्रेस की कैप्टन सरकार और अब चन्नी सरकार ने करीब 15 वर्ष तक सत्ता में रहने के बावजूद गेस्ट फैकल्टी सहायक प्रोफेसरों की कोई सुध नहीं ली. मनीष सिसोदिया ने कहा कि कांग्रेस सरकार 15-20 वर्षों से अस्थायी रूप से सेवाएं दे रहे सैंकड़ों-हजारों लोगों का नाममात्र -खानापूर्ति- का रोजगार भी छीन रही है. सरकारी कॉलेजों में बतौर गेस्ट फैकल्टी सहायक प्रोफेसर इसकी ताजा मिसाल हैं.सिसोदिया ने कहा कि यदि चन्नी सरकार सहायक प्रोफेसरों को राहत प्रदान नहीं करती तो पंजाब में क्वआप' की सरकार बनने पर सभी गेस्ट फैकल्टी सहायक प्रोफेसरों की नौकरी प्राथमिकता के आधार पर सुरक्षित की जाएगी. इससे पहले गवर्नमेंट कॉलेज गेस्ट फैकल्टी असिस्टेंट प्रोफेसर्स एसोसिएशन ने अपने प्रधान हरमिंदर सिंह डिपल समेत मनीष सिसोदिया को मांग पत्र सौंपा. एसोसिएशन ने सिसोदिया से उनके भविष्य से किए जाने वाले खिलवाड़ से उन्हें बचाने की गुहार लगाई. गेस्ट फैकल्टी सहायक प्रोफेसरों ने बताया कि पंजाब शिक्षा विभाग में 300 रेगुलर प्रोफेसर 1.50 से 2 लाख रुपये मासिक वेतन पर कार्यरत हैं और 225 पार्ट टाइम प्रोफेसर करीब 60 हजार रूपये मासिक वेतन पर हैं, जबकि ठेका आधार पर 11 प्रोफेसर सेवाएं दे रहे हैं. इनके अलावा 906 गेस्ट फैकल्टी सहायक प्रोफेसर महज 21,600 रूपये मासिक वेतन पर सेवाएं दे रहे हैं और उन्हें मिलने वाला वेतन भी दो हिस्सों में बंटा हुआ है. वेतन के 11,600 रूपये पीटीए फंड से और 10 हजार रूपये सरकारी कोष से जारी किए जाते हैं.
गेस्ट-फैकल्टी सहायक प्रोफेसरों ने उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को बताया कि पंजाब उच्च शिक्षा विभाग द्वारा 19 अक्टूबर 2021 को कुल 1158 पदों पर भर्ती का ज्ञापन प्रकाशित कराया गया है. उन्होंने कहा कि इससे पंजाब के सरकारी कॉलेजों में 10 से 20 वर्षों से सेवाएं निभा रहे सभी गेस्ट-फैकल्टी सहायक प्रोफेसर बेरोजगार हो जाएंगे. इस चिंता को व्यक्त करने के साथ ही सहायक प्रोफेसरों ने कहा कि उच्च शिक्षा विभाग के रिक्त पड़े करीब 591 पदों के लिए ही लिखित टेस्ट लिया जाए. साथ ही हरियाणा व अन्य राज्यों की तरह पंजाब के नौजवानों के लिए कोटा निर्धारित किया जाए. गेस्ट फैकल्टी सहायक प्रोफेसरों ने स्वयं का अस्तित्व खतरे में पाने की चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि 10 अगस्त 2021 को उन्हें पंजाब सरकार द्वारा खोले गए 16 नए कॉलेजों में स्थानांतरित कर दिया गया है. ऐसे में अत्यंत न्यूनतम वेतन पर उनके लिए दूर-दराज कॉलेजों में जाना, वहां रहना और घर का गुजर-बसर करना काफी मुश्किल है. कहा, गेस्ट फैकल्टी प्रोफेसरों की हर हाल में जारी रखी जाएं सेवाएं
गेस्ट फैकल्टी सहायक प्रोफेसरों के शिष्टमंडल से मुलाकात के बाद सिसोदिया ने दिया भरोसा, ‘आप’ की सरकार में मिलेगा इंसाफ
वर्ष 2002 से पंजाब की उच्च शिक्षा व्यवस्था की बेहतरी के लिए दे रहे हैं सेवाएं
Source : News Nation Bureau