प्रकृति पूजा और सुख सौभाग्य का महापर्व छठ पूजा में व्रतियों ने आज डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया. शनिवार को बिहार समेत देश के कई हिस्सों में अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया गया. सुरक्षा के मद्देनजर सभी घाटों पर पुलिस प्रशासन ने खास इंतजाम कर रखा था.
शनिवार दोपहर छठ व्रती अपने परिजनों के साथ घाट पर पहुंचे. लोकसंगीत से पूरा वातावरण भक्तिमय हो रखा था. शाम होने के साथ छठ व्रती पानी के भीतर उतरे और डूबकी लगाकर भास्कर भगवान को नमन किया. इसके बाद फलों और ठेकुओं से भरे सूप से भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया.
आज दोपहर बाद तक छठ घाटों को अंतिम रूप देने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई. पटना, वाराणसी, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, झारखंड यहां तक की गोवा में भी लोगों ने छठ व्रत का पहला अर्घ्य दिया.
आज व्रतियों ने पहला अर्घ्य दिया. रविवार सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रती अपना व्रत खोलेंगी. रविवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही चार दिन तक चलने वाले छठ महापर्व का समापन हो जाएगा.
अर्घ्य देने की विधि-
सूर्य देव को अर्घ्य देने के लिए तांबे के पात्र का प्रयोग करें. इसमें दूध और गंगा जल मिश्रित करके पूजा के पश्चात सूर्य देव को अर्घ्य दें.
सूर्य को अर्घ्य देने का मंत्र
सूर्य को अर्घ्य देते समय ओम सूर्याय नमः या फिर ओम घृणिं सूर्याय नमः, ओम घृणिं सूर्य: आदित्य:, ओम ह्रीं ह्रीं सूर्याय, सहस्त्रकिरणाय मनोवांछित फलं देहि देहि स्वाहा मंत्र का जाप करें.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो