कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर बृहस्पतिवार को छत्तीसगढ़ सरकार की ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ का शुभारंभ किया और इस मौके पर कहा कि यह पहल पूर्व प्रधानमंत्री के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी. वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से इस योजना की शुरुआत की गई. कार्यक्रम में सोनिया गांधी, पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शामिल हुए. योजना की शुरुआत के मौके पर सोनिया ने कहा, छत्तीसगढ़ सरकार, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके सभी साथियों को इस बात की बधाई देती है कि उन्होंने राजीव जी की भावना के अनुरूप एक बड़ा कदम उठाया है.
उन्होंने कहा कि ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ के जरिए छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश के किसानों को सभी जरूरी संसाधन उपलब्ध करवाकर फसल उत्पादन में प्रोत्साहन देने जैसे कदम उठाकर सीधे उनके बैंक खातों में धनराशि भेजने की शुरुआत की है. कांग्रेस अध्यक्ष के मुताबिक इस योजना के द्वितीय चरण में भूमिहीन आदिवासी कृषि मजदूरों को भी शामिल करने की योजना है. ये एक बहुत अनोखा निर्णय है. इससे वो सब आत्मनिर्भर बनेंगे.
उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि ऐसी कारगर योजनाओं को सही मायने में जमीनी स्तर पर लागू कर इनका लाभ जन-जन तक पहुंचाकर उनके जीवन में परिवर्तन लाना ही सही मायने में राजीव गांधी जी के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी. इस योजना के तहत खरीफ 2019 से धान तथा मक्का लगाने वाले किसानों को अधिकतम 10 हजार रूपए प्रति एकड़ की दर से सहायता राशि दी जाएगी. राज्य के 19 लाख किसानों को 5700 करोड़ रूपए की राशि चार किश्तों में सीधे उनके खातों में भी हस्तांतरित की जाएगी.
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सोनिया गांधी ने 22 मई को बुलाई है विपक्षी दलों की बैठक
सोनिया गांधी ने 22 मई को विपक्षी दलों की वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से बैठक बुलाई है जिसमें कोरोना वायरस महामारी के बीच प्रवासी श्रमिकों की स्थिति और मौजूदा संकट से निपटने के लिए सरकार की ओर से उठाए गए कदमों एवं आर्थिक पैकेज पर मुख्य रूप से चर्चा होगी. सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि सोनिया गांधी विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक की अध्यक्षता करेंगी. सूत्रों का कहना है कि करीब 17 राजनीतिक दलों ने इस बैठक में शामिल होने पर सहमति जताई है. समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने अब तक बैठक में शामिल होने की पुष्टि नहीं की है. यह बैठक शुक्रवार को तीन बजे बुलाई गई है. कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए गत 25 मई से देश में लॉकडाउन लगने के बाद बड़ी संख्या में श्रमिक बड़े शहरों से अपने घर जाने के लिए पैदल निकल गए हैं.
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लॉकडाउन में सरकार प्रवासी श्रमिकों के मुद्दे पर असफल रही- विपक्ष
कई जगहों पर हुई दुर्घटनाओं में कई मजदूरों की मौत भी हो गई है. विपक्षी दलों ने सरकार पर प्रवासी श्रमिकों से जुड़े इस संकट से निपटने में विफल रहने का आरोप लगाया है. बैठक में कुछ प्रदेशों में श्रम कानूनों में हालिया बदलावों को लेकर भी चर्चा होगी. कुछ राज्यों में श्रम कानूनों में बदलाव करते हुए कामकाज के घंटों को बढ़ाया गया है. सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष ने कई विपक्षी नेताओं को निजी तौर पर फोन किया और प्रवासी श्रमिकों के मुद्दे के निदान के लिए साझा रणनीति बनाने में उनका सहयोग मांगा. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि वह इस बैठक में शामिल होंगी.
इस बैठक में विपक्ष श्रम कानून को कमजोर किए जाने का मुद्दा उठाएगा
ममता बनर्जी ने इस बैठक में शामिल होने की पुष्टि करते हुए कहा कि कांग्रेस ने देश में प्रवासी मजदूरों की दशा और श्रम कानूनों में बदलावों के विषय पर विचार-विमर्श करने के लिए शुक्रवार को समान विचार वाले दलों की बैठक बुलाई है. भाकपा महासचिव डी राजा ने कहा कि उनकी पार्टी इस बैठक में शामिल होगी और श्रम कानूनों को कमजोर किए जाने का मुद्दा उठाएगी. इस बैठक के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस, सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने हमेशा यह माना है कि संसद और लोकतंत्र दलों एवं राजनीति से ऊपर हैं. तय होने के बाद इस बैठक का ब्यौरा साझा किया जाएगा.