छत्तीसगढ़ से कांग्रेस सांसद छाया वर्मा ने लोकसभा में किसानों की आवाज को सदन में जोर से उठाया. उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार का रवैया किसान विरोधी है. उन्होंने न्यूज स्टेट से बात करते हुए कहा कि केंद्र सरकार को छत्तीसगढ़ का कोयला चाहिए, जमीन चाहिए और बॉक्साइट चाहिए, लेकिन किसानों का अनाज नहीं चाहिए. केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ के संसाधनों का दोहन करती है. उसमें कानून का बदलाव भी करती है, लेकिन जब किसानों के अनाज खरीदने की बात आती है तो उसमें संशोधन नहीं करने की बात करती है. उन्होंने सवालिया लहजे में पूछा कि आखिर सौतेला रवैया किसानों के साथ क्यों?
यह भी पढ़ें- दिल्लीवासियों को मोदी कैबिनेट ने दी सौगात, अवैध कालोनियों को मिली मंजूरी, 79 गांवों का होगा शहरीकरण
उन्होंने कहा कि हम केंद्र सरकार से डिमांड करते हैं कि वह किसानों के अनाज को खरीदें. कानून में बदलाव करें. केंद्र सरकार अगर हमारी बात नहीं सुनेगी तो हम आंदोलन करेंगे. सड़क से लेकर दिल्ली तक अपनी बात को पहुंचाएंगे. छाया वर्मा ने कहा कि पूर्व में केंद्र ने भाजपा (BJP) सरकार से चावल खरीदने नियम को शिथिल किया था. 28 लाख मेट्रिक टन एक बार 4 लाख मेट्रिक टन दोबारा खरीदा था. अब केन्द्र सरकार भेदभाव कर रही है. कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में छत्तीसगढ़ के धान खरीद का मुद्दा सदन में उठाने का फैसला लिया गया था.
यह भी पढ़ें- केजरीवाल ने दिल्ली में पानी के नमूनों के संयुक्त निरीक्षण के लिए 2 सदस्यों को किया नामित
सदन शुरू होते ही कांग्रेस सदस्यों ने धान खरीद के मुद्दे को उठाया. मगर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने व्यवस्था का हवाला देकर शून्यकाल में बात रखने के निर्देश दिए. फिर शून्यकाल में कांग्रेस ने सदन में नेता अधीर रंजन चौधरी, बस्तर सांसद दीपक बैज ने केंद्र सरकार को घेरना शुरू कर दिया. उन्होंने धान खरीद पर केंद्र सरकार पर छत्तीसगढ़ के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया. सांसद दीपक बैज ने कहा कि पार्टी की संसदीय दल की बैठक में ये मुद्दा उठाने का निर्णय लिया गया था. केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ का चावल केंद्रीय पूल में नहीं खरीद रही है. उन्होंने लोकसभा में केन्द्र सरकार पर राज्य सरकार के साथ भेदभाव का आरोप लगाया गया. बाद में सभी कांग्रेस सदस्यों ने वॉकआउट कर दिया था.
Source : मोहित राज दूबे