दिल्ली की एक अदालत ने रविवार को किसानों के विरोध से संबंधित 'टूलकिट' साझा करने के आरोप में गिरफ्तार 21 वर्षीया जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि को पांच दिनों के लिए पुलिस की स्पेशल सेल की हिरासत में भेज दिया. दिशा को दिल्ली पुलिस ने शनिवार को बेंगलुरु के सोलादेवनाहल्ली इलाके से गिरफ्तार किया था. वह 'फ्राइडे फॉर फ्यूचर' कैम्पेन के संस्थापकों में से एक हैं और कथित रूप से 'टूलकिट' को संपादित किया और इसे सोशल मीडिया पर फॉरवर्ड किया. वहीं, पर्यावरण से जुड़े मुद्दे पर काम करने वाली एक्टिविस्ट दिशा रवि की गिरफ्तारी का बेंगलुरु में छात्र-छात्राओं ने विरोध किया है. छात्र-छात्राओं ने दिशा रवि को रिहा करने की मांग की है. दिशा रवि को दिल्ली पुलिस ने टूलकिट केस में गिरफ्तार किया है. ये वही टूलकिट है जिसे पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया था, लेकिन बाद में उसे डिलीट कर लिया था.
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कांग्रेस नेता पी चिदंबरम, जयराम रमेश ने भी दिशा रवि की गिरफ्तारी का विरोध किया है. चिदम्बरम ने कहा है क्या 21 साल की एक कॉलेज छात्रा देश के लिए खतरा बन गई है?. कांग्रेस नेता और पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि क्या 22 साल की छात्रा देश के लिए खतरा बन गई है. उन्होंने ट्वीट किया, माउंट कार्मेल कॉलेज की 22 वर्षीया छात्रा और जलवायु कार्यकर्ता दिशानी रवि राष्ट्र के लिए खतरा बन गई है, तो इसका मतलब है कि भारतीय राज्य बहुत ही कमजोर नींव पर खड़ा है.
यदि माउंट कार्मेल कॉलेज की 22 वर्षीया छात्रा और जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि देश के लिए खतरा बन गई है, तो भारत बहुत ही कमजोर बुनियाद पर खड़ा है।
चीनी सैनिकों द्वारा भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की तुलना में किसानों के विरोध का समर्थन करने के लिए लाया गया एक टूक किट अधिक खतरनाक है!— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) February 14, 2021
चिदंबरम ने कहा कि इस देश में किसानों का समर्थन करने के लिए जारी किया गया एक टूलकिट चीनी सैनिकों के घुसपैठ से भी खतरनाक हो गया है. उन्होंने कहा कि भारत बचकानी और बकवास हरकतें कर रहा है और यह दुखद है कि दिल्ली पुलिस उत्पीड़कों का हथियार बन गई है.
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बता दें कि दिल्ली पुलिस ने टूलकिट बनाने वालों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124-ए, 120-ए और 153-ए के तहत राजद्रोह, आपराधिक षड्यंत्र और समूहों के बीच घृणा को बढ़ावा देने के आरोप में 4 फरवरी को एफआईआर दर्ज की थी. टूलकिट को अंतर्राष्ट्रीय जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने भी साझा किया था. पुलिस के अनुसार, 26 जनवरी के आसपास किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई घटनाओं, जिसमें लालकिले के पास हिंसा भी शामिल है, इन सबका टूलकिट में विस्तृत रूप से 'एक्शन प्लान' के तौर पर जिक्र है.
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पुलिस ने कहा कि इसे बनाने वालों की मंशा विभिन्न सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक समूहों के बीच असहमति पैदा करने और केंद्र सरकार के खिलाफ असहमति को प्रोत्साहित करना था और इसका उद्देश्य भारत के खिलाफ सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक युद्ध छेड़ना था.
Source : News Nation Bureau