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JNU प्रेसिडेंट आइशी घोष को 'हौसला' देने पहुंचे केरल के CM पिनराई विजयन, 'हल्ला बोल' किताब भेंट की

केरल देश का पहला ऐसा राज्य है जिसने बाकायदा विधानसभा में प्रस्ताव पारित करके नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का विरोध जताया है. वहां के मुख्यमंत्री ने 11 राज्यों को पत्र लिखकर इसका विरोध करने का भी आग्रह किया है.

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Dhirendra Kumar
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JNU प्रेसिडेंट आइशी घोष को 'हौसला' देने पहुंचे केरल के CM पिनराई विजयन, 'हल्ला बोल' किताब भेंट की

Kerala CM Pinarayi Vijayan-Aishe Ghosh( Photo Credit : फाइल फोटो)

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केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन (Kerala CM Pinarayi Vijayan) ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष (Aishe Ghosh) से आज दिल्ली के केरल हाउस में मुलाकात की है. इस मुलाकात के कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं. बता दें कि केरल देश का पहला ऐसा राज्य है जिसने बाकायदा विधानसभा में प्रस्ताव पारित करके नागरिकता संशोधन कानून का विरोध जताया है. इसके अलावा वहां के मुख्यमंत्री ने 11 राज्यों को पत्र लिखकर इसका विरोध करने का भी आग्रह किया है.

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चूंकि मौजूदा समय में देश में नागरिकता कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन लगातार चल रहे हैं. ऐसे में मुख्यमंत्री पिनराई विजयन का जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष से मिलना आग में घी डालने वाला काम हो सकता है. इसके अलावा इस बात के भी संकेत हैं कि केरल के मुख्यमंत्री कहीं व्यवस्था विरोधी ताकतों को सपोर्ट तो नहीं कर रहे हैं. बता दें कि केरल के राज्यपाल पहले ही कह चुके हैं कि विधानसभा में CAA के खिलाफ लाया गया प्रस्ताव असंवैधानिक है.

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बीते रविवार को हुआ था आइशी घोष पर हमला

बता दें कि बीते रविवार को कुछ नकाबपोशों ने जेएनयू परिसर में घुसकर छात्रों और प्रोफेसरों की लाठी-डंडे और रॉड से पिटाई कर दी थी. लोहे की रॉड से किए गए हमले में आइशी का सिर फूट गया, लहूलुहान आइशी की तस्वीर कई चैनलों और अखबारों में देखी गई थी. वहीं घोष ने इस घटना के लिए एबीवीपी को जिम्मेदार ठहराया था.

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CAA के खिलाफ केरल के मुख्यमंत्री ने 11 राज्यों को लिखा था पत्र
बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) पर केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने 11 राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा था. उन राज्यों में झारखंड, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, महाराष्ट्र, बिहार, आंध्र प्रदेश, पुदुचेरी, मध्य प्रदेश, पंजाब, राजस्थान और ओडिशा शामिल हैं. विजयन ने पत्र में लिखा था कि मौजूदा समय में लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता को बचाने का समय आ गया है और उसे बचाने के लिए देश के सभी नागरिकों को एक साथ आने की जरूरत है. विजयन ने उस पत्र में केरल विधासभा द्वारा नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रस्ताव का भी जिक्र किया था. उन्होंने लिखा था कि अन्य राज्य भी केरल जैसा कदम उठाने पर विचार कर सकते हैं.

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केरल विधासभा में CAA के खिलाफ पेश किया था प्रस्ताव
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने मंगलवार को विधानसभा में CAA के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया था, जिसे बाद में सदन ने पास कर दिया. प्रस्ताव पेश करने के दौरान मुख्यमंत्री विजयन ने कहा था कि केरल में एक भी डिटेंशन सेंटर नहीं बनने दिया जाएगा. बता दें कि केरल विधानसभा ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रस्ताव पास करके इस कानून को वापस लेने की मांग की है.

Source : News Nation Bureau

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