दिल्ली के अंदर हरित क्षेत्र को बढ़ाने के लिए 35 लाख पौधे लगाने का सरकार ने लक्ष्य रखा जिसके तहत 11 तारीख से हमने वन महोत्सव की शुरुआत की आज उस कार्यक्रम का समापन होना था. जिसके लिए हमने उपराज्यपाल को आमंत्रित किया था जिसकी तैयारी चल रही थी लेकिन अचानक वहां पर पुलिस पहुंची. असोला भाटी में और पूरे मंच को कब्जे में ले लिया हमारी तैयारियां थी जिसमें उप राज्यपाल व मुख्यमंत्री का बैनर लगाया गया था जिस को हटा दिया गया. पुलिस ने जबरदस्ती मोदी जी की फोटो का बैनर वहां पर टांग दिया और जो लोग वहां थे उनको धमकाया भी गया और वहां जो मुख्यमंत्री के स्वागत के पोस्टर लगे थे उनको भी फाड़ दिया गया यह समझ नहीं आ रहा है कि दिल्ली सरकार के एक सरकारी कार्यक्रम मैं जिसमें मुख्यमंत्री और उपराज्यपाल आमंत्रित थे उसकी तैयारी हो रही थी.
अचानक रात में मोदी जी को पुलिस भेज करके और वहां पर जबरदस्ती अपना बैनर लगाने की जरूरत क्या पड़ी मुख्यमंत्री के पोस्टर फाड़े जा रहे हैं यह इस बात को दिखा रहा है कि उनकी मंशा ठीक नहीं है और उनकी कोशिश इस कार्यक्रम को भाजपा का कार्यक्रम बनाने की कोशिश हो रही है और उन सब चीजों को देखते हुए हम टकराव नहीं चाहते और इसके लिए हमने निर्णय है कि 35 लाख पौधे लगाने का जो निर्णय है वो जारी रहेगा लेकिन टकराव को टालने के लिए हम कार्यक्रम में नही जा रहे हैं.
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मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार करने की भी थी कोशिश
प्रधानमंत्री के पोस्टर से दिक्कत क्या है और सिर्फ एक पोस्टर की वजह से इतना बड़ा कार्यक्रम इतना बड़ा अभियान जो चला रहे हैं उसके मुख्य कार्यक्रम का बहिष्कार भी कर दिया. मसला पोस्टर का नहीं है मसला पुलिस के कार्यक्रम को कब्जा करने का है जिस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नहीं जाते वहा का पोस्टर नहीं लगता है , अगर उनकी इच्छा थी तुम मुझे या मुख्यमंत्री को बताते हैं तो निर्णय सरकार लेती लेकिन पुलिस को भेज करके छावनी बना देना मुख्यमंत्री के पोस्टर फड़वा देना यह तो दूसरी ही मंशा दिखाती है.
स्थिति चुनी हुई सरकार vs उपराज्यपाल होती जा रही है क्या इससे जनता का नुकसान नहीं होगा? जनता का नुकसान हम नहीं होने देंगे वृक्षारोपण हम जारी रखेंगे हमने पहले भी पेड़ लगाएं हैं और आगे भी लगाते रहेंगे बस हम चाहते हैं कि जो टकराव की स्थिति बार-बार पैदा की जा रही है हम उस से बचें इसलिए हम वहां ना जाने का निर्णय ले रहे हैं
यह पहला घटनाक्रम नहीं है आप लोगों के बीच दूरियां लगातार बढ़ती जा रही. दूरियां लगातार बढ़ाई जा रही हैं इसलिए एक-दो महीने का आप घटनाक्रम देखें तो पूरे देश में जो केजरीवाल के काम की चर्चा हो रही है उससे भाजपा के अंदर और प्रधानमंत्री के अंदर एक डर पैदा हो रहा है और उसे रोकने व बदनाम करने की निरंतर कोशिश हो रही है. अगर पिछली कार्यवाहीयों को आप देखें तो मुख्यमंत्री को सिंगापुर जाना था तो किस दर से उनको रोका जा रहा है क्योंकि वहां जाकर उनके काम की चर्चा देश दुनिया में होगी. हेल्थ पर जितेंद्र जैन ने काम किया उनको गिरफ्तार कर लिया अब शिक्षा के काम पर चर्चा हो रही है तो मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार करने की साजिश रची जा रही है और सवाल फोटो का नहीं है लेकिन मुझे लगता है दिल्ली के इतिहास में पहली बार किसी प्रधानमंत्री को पुलिस भेज करके अपनी फोटो लगवानी पढ़ रही हो यह बहुत निंदनीय है और दुर्भाग्यपूर्ण है.
HIGHLIGHTS
- मुख्यमंत्री के स्वागत के पोस्टर लगे थे उनको भी फाड़ दिया गया.
- असोला भाटी में और पूरे मंच को कब्जे में ले लिया.
- टकराव की स्थिति बार-बार पैदा की जा रही है