भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने बुधवार को कहा कि अफगानिस्तान में जो कुछ भी हुआ है, उसकी उम्मीद थी, मगर यह अंदाजा नहीं था कि यह इतनी जल्दी हो जाएगा।
एक कार्यक्रम को अमेरिका की हिंद-प्रशांत कमान के कमांडर एडमिरल जॉन सी. एक्विलिनो की सह-अध्यक्षता में आयोजित एक सेमिनार में बोलते हुए यह टिप्पणी की। सिंह ने कहा कि भारतीय ²ष्टिकोण से हम अनुमान लगा रहे थे कि तालिबान अफगानिस्तान पर कब्जा कर लेगा।
जनरल रावत ने कहा, हम इस बात से चिंतित थे कि अफगानिस्तान से आतंकवादी गतिविधियां भारत में कैसे फैल सकती हैं .. हमारी आकस्मिक योजना चल रही है और हम इसके लिए तैयार हैं। निश्चित रूप से इसके समय (तेजी से अफगानिस्तान पर कब्जा) ने हमें आश्चर्यचकित कर दिया है।
हालांकि, उन्होंने कहा कि तालिबान वही है जो 20 साल पहले था। उन्होंने कहा, यह अलग-अलग साझेदारों के साथ एक ही तालिबान है।
तालिबान ने 15 अगस्त को अफगानिस्तान पर नियंत्रण कर लिया, जिससे स्थिति और खराब हो गई और कई अफगान नागरिक युद्धग्रस्त देश से भाग गए। संघर्ष अफगानिस्तान के लोगों को मानवीय तबाही की ओर धकेल रहा है।
भारत ने दोहराया है कि अफगानिस्तान में मौजूदा स्थिति उसके लिए बहुत चिंता का विषय है और वह उम्मीद करता है कि देश अपने पड़ोसियों के लिए एक चुनौती पेश नहीं करेगा और लश्कर और जैश जैसे आतंकवादी समूहों द्वारा इसका उपयोग नहीं किया जाता है।
इससे पहले दिन में, जनरल रावत और एडमिरल एक्विलिनो ने अफगानिस्तान में मौजूदा संकट को लेकर नई दिल्ली में एक बैठक की।
रक्षा मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि उन्होंने क्षेत्र में शांति और सुरक्षा से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की।
उन्होंने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग पर भी बातचीत की। एडमिरल एक्विलिनो ने तीनों सेना प्रमुखों और रक्षा सचिव अजय कुमार के साथ भी बैठक की।
इससे पहले दिन में, एडमिरल एक्विलिनो ने नई दिल्ली में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर माल्यार्पण कर शहीद हुए वीरों को श्रद्धांजलि देकर अपनी यात्रा की शुरूआत की।
मंत्रालय ने कहा, वह 24-26 अगस्त, 2021 तक भारत की आधिकारिक यात्रा पर हैं।
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Source : IANS