झारखंड के लोहरदगा में 17 साल का लड़का और 13 साल की लड़की की शादी कराई गई है. इस शादी में लड़का-लड़की के परिवार वाले ग्रामीण शामिल हुए. दावत भी सबने उड़ाई. मगर यह शादी कानून को हजम नहीं हुई. शादी कराने वालों पर कानूनी कार्रवाई की तैयारी चल रही है. नाबालिगों को शादी के लिए पंचायत ने मजबूर किया. इस शादी के पीछे की कहानी भी अजीब है, जो प्रगतिशील समाज में जड़ जमाए दकियानूसी सोच को उजागर करती है. इंटर में पढ़ रहे लड़के और आठवीं क्लास में पढ़ रही लड़की का मिलना जुलना, बातें करना परिवारवालों और ग्रामीणों को नहीं पसंद था. मना करने पर जब दोनों नहीं माने तो ग्रामीणों ने पंचायत बुलाई और दोनों की शादी करने का फैसला लिया. आनन-फानन में दोनों की शादी कर दी गई.
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दूल्हे ने बताया कि परिवार वालों और ग्रामीणों ने दबाव में शादी कराई. अब लड़की अपने नाबालिग पति के घर में है. हालांकि शादी को कानूनी दर्जा नहीं मिल सकता. इस बात को परिवार वाले भली-भांति जानते हैं और स्वीकार भी कर रहे हैं. मगर इनके हिसाब से यह शादी है कि हुआ सो हुआ. लड़के की मां कहती है कि पंचायत का फरमान हुआ तो परिवार को भी मानना पड़ा.
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इधर, इस शादी को लेकर बाल कल्याण समिति और बाल अधिकार संरक्षण विभाग ने दोनों परिवार वालों को नोटिस भेजा. इन्हें तलब कर बाल विवाह के खिलाफ कानून की जानकारी और हिदायतें दी. बाल कल्याण समिति ने दोनों नाबालिगों को अपने संरक्षण में ले लिया है. बाल कल्याण समिति अध्यक्ष का कहना है कि यह शादी अवैध है और शादी कराने वाले दोषी हैं. इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी.
Source : Pritam Kumar