सलामी स्‍लाइसिंग की नीति पर चल रहा ड्रैगन, धीरे-धीरे निगल रहा जमीन

चीन सिर्फ भारत ही नहीं अन्य पड़ोसी देशों के इलाकों पर कब्‍जा करने के अपने नापाक मंसूबों को पर लगातार बढ़ा रहा है. इसके लिए वह एक खास तरह की रणनीति सलामी स्‍लाइसिंग पर काम कर रहा है.

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Nihar Saxena
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China Slicing

पहले मीटर दर मीटर फिर मील दर मील करता है कब्जा.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर कई इलाकों के सीमा विवाद पर गतिरोध जारी है. इसे खत्म करने के लिए दोनों देशों के बीच 14वें दौर की कमांडर स्तर की वार्ता भी बेनतीजा रही. इसके मद्देनजर देश के रक्षा विशेषज्ञ भी मान रहे हैं कि भारत-चीन संबंधों के लिहाज से स्थिति काफी नाजुक है. इसकी एक बड़ी वजह यह है कि ड्रैगन ने एलएसी को तनावग्रस्त सीमा बनाए रखने समेत भारत से स्थायी दुश्मनी रखने की ठान सी रखी है. सिर्फ भारत ही नहीं अन्य पड़ोसी देशों के इलाकों पर कब्‍जा करने के अपने नापाक मंसूबों को पर लगातार बढ़ा रहा है. इसके लिए वह एक खास तरह की रणनीति सलामी स्‍लाइसिंग पर काम कर रहा है.

पीएलए के सहारे सीमा पर अतिक्रमण कर रहा चीन
गौरतलब है कि गलवान घाटी में 2020 के अप्रैल में सीमा विवाद पर शुरू हुआ गतिरोध जारी है. इसके साथ ही सैनिकों को पीछे हटाने और अन्य संबंधित मुद्दों पर भारत और चीन के बीच कूटनीतिक और सैन्य स्तर की बातचीत भी जारी है, लेकिन स्थिति में बहुत ज्यादा सुधार नहीं आया है. दोनों ही देशों के सैनिक बड़ी संख्या में एलएसी पर तैनात हैं. इस पर रक्षा विशेषज्ञ सी उदय भास्कर कहते हैं, ‘पूर्वी लद्दाख में स्थिति जस की तस है. पीपुल्स लिबरेशन आर्मी भारत के दावे वाली सीमारेखा के भीतर अपनी अधोसंरचना को मजबूत कर रही है. ऐसी स्थिति में गलवान प्रकरण के बाद भारत के लिए स्थितियां अनुकूल नहीं हैं. पीएलए को भविष्य में इस प्रकार की उकसावेपूर्ण कार्रवाई से रोकने के लिए भारत के लिए अपनी सैन्य क्षमता में बढ़ोतरी ही एकमात्र और बेहतर विकल्प होगा. यही नहीं, भारत को इसके बारे में चीन को राजनयिक और सैन्य स्तर पर संदेश भी देना होगा. इस संदेश के साथ दोनों देशों के बीच विद्यमान तनाव को कम करने के लिए भारत को बीजिंग प्रशासन को प्रोत्साहित करने की कोशिशें भी जारी रखनी होंगी.’

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लद्दाख और अरुणाचल में दशकों से जारी है रणनीति
इसी तरह राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के पूर्व सलाहकार प्रोफेसर ब्रह्म चेलानी भी मानते हैं कि विवादित इलाके में सैन्य गांवों का निर्माण चीन की सलामी स्लाइसिंग रणनीति का ही हिस्सा है. वह बताते हैं कि जब कोई देश अपने पड़ोसी देशों के खिलाफ छोटे-छोटे सैन्य ऑपरेशन कर धीरे-धीरे किसी बड़े इलाके पर कब्जा कर लेने की रणनीति अपनाता है, तो उसे सलामी स्लाइसिंग कहते हैं. चेलानी का यह भी कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच 18 मुलाकातों के बावजूद चीन ने एलएसी को तनावग्रस्त सीमा बनाए रखने सहित भारत से स्थायी दुश्मनी का बीड़ा उठा रखा है. गौरतलब है कि लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों के लोग कई दशकों से यह शिकायत करते आ रहे हैं कि चीन मीटर दर मीटर और मील दर मील उनके पारंपरिक चारागाह वाले इलाकों पर अतिक्रमण कर रहा है.

HIGHLIGHTS

  • पड़ोसी देशों की मीटर दर मीटर फिर मील दर मील जमीन कब्जा रहा ड्रैगन
  • भारत के सामरिक विशेषज्ञ इस रणनीति को कहते हैं सलामी स्लाइसिंग
  • भारत को चाहिए कि वह बीजिंग को सख्त भाषा में दो-टूक संदेश दे
INDIA चीन भारत china LAC एलएसी encroachment अतिक्रमण कब्जा Slicing Strategy Defence Analyst स्लाइसिंग रणनीति रक्षा विशेषज्ञ
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