सीमा विवाद खत्म करने को लेकर भारत और चीन के बीच कई बार सैन्य स्तर की बातचीत की जा चुकी है. भारत के सख्त रुख को देखते हुए चीन की दाल नहीं गल रही है. चीन ने भारत के सामने शर्त रखी है कि वह पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर ऐडवांस्ड पोजीशंस से वापस जाए. भारत ने साफ कह दिया है कि अगर सीमा से सेनाएं हटाई जाएंगी तो दोनों देशों की एकसाथ हटाई जाएंगी. भारत किसी भी तरह के एकतरफा एक्शन के लिए राजी नहीं होगा.
भारत ने बना रखी है रणनीतिक बढ़त
एलएसी पर भारत कई जगहों पर रणनीतिक बढ़त बनाए हुए है. सूत्रों के मुताबिक भारत सात बार एलएसी पार कर चीन को जवाब दे चुका है. चुशूल सब सेक्टर में भारत ने पैट्रोलिंग पॉइंट्स से आगे जाकर ऐडवांस्ड पोजिशंस पर पैठ बना ली थी. इसके बाद से चीन की सेना पूरी तरह भारत के निशाने पर है. भारत की नजर न सिर्फ स्पांगुर गैप पर है, बल्कि मोल्दो में चीनी टुकड़ी भी उसकी निगाह में है.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर बड़े पैमाने पर हथियारों से लैस चीनी सैनिकों की तैनाती भारत के लिए कड़ी सुरक्षा चुनौती है. उन्होंने कहा, एलएसी पर हुई हिंसक झड़प से भारत और चीन के बीच 30 वर्षों में कायम हुए संबंध बिगड़े हैं.
सर्दियों में भी आमने-सामने रहेंगे भारत-चीन सैनिक
भारत और चीन की सेनाएं एक दूसरे के आमने सामने हैं. सर्दियों का मौसम शुरू होने के बाद भी दोनों देशों के सैनिक सीमा पर डटे हुए हैं. कई जगह पर तापमान माइनस 10 तक पहुंच गया है और नवंबर-दिसंबर में यह माइनस 30 से माइनस 40 तक हो जाएगा. डेपसांग में चीनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों की पट्रोलिंग रोकी हुई है.
Source : News Nation Bureau