Cyber Attack और Data Security को लेकर मोदी सरकार दूरसंचार क्षेत्र में नए सुरक्षा निर्देशों को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध दिख रही है. सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (Cabinet Committee On Security-सीसीएस) की मंजूरी के बाद अगले छह माह में इसके सिरे चढ़ने की उम्मीद है. यह कदम विशेष तौर पर Data Security और चीन की ओर से संभावित Cyber Attack के लिए उठाया जा रहा है. राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय (एनएससीएस) की एक गोपनीय रिपोर्ट के अनुसार, भारत Cyber Attck का सामना करने वाले दुनिया के शीर्ष तीन देशों में शामिल है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पिछले साल भारत में साइबर क्राइम के कारण 1.24 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
एनएससीएस रिपोर्ट में कहा गया है कि ये साइबर हमले आमतौर पर दूरसंचार नेटवर्क के हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर घटकों के माध्यम से किए जाते हैं. इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) उपकरणों के बढ़ते उपयोग के साथ, यह जोखिम और भी कई गुना बढ़ जाता है.
साथ ही रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 5G प्रौद्योगिकियों के आगमन से दूरसंचार नेटवर्क के परिणामस्वरूप, सुरक्षा चिंताओं में और भी वृद्धि होगी. इसके अलावा इसमें कहा गया है कि मैलवेयर इंफेक्शन के खिलाफ सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों सहित आपूर्ति श्रृंखला की शुद्धता (इंटेग्रिटी) बनाए रखने की तत्काल आवश्यकता है.
हाल के वर्षों में चीनी एजेंटों सहित सीमा पार के हैकर्स ने भारत के वित्तीय कार्यों को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से बैंकिंग और वित्त सहित महत्वपूर्ण क्षेत्रों को लक्षित किया है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि दूरसंचार, देश के सभी क्षेत्रीय बुनियादी ढांचे जैसे बिजली, बैंकिंग, वित्त, परिवहन, शासन और रणनीतिक क्षेत्र के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा है. इसके साथ ही आशंका जताई गई है कि सुरक्षा उल्लंघनों के परिणामस्वरूप गोपनीयता का उल्लंघन या बुनियादी ढांचे में व्यवधान के विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं. इसलिए, नए निर्देशों या सर्कुलर की आवश्यकता है, क्योंकि दूरसंचार राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण क्षेत्र के रूप में कार्य करता है.
एनएससीएस ने दूरसंचार प्रौद्योगिकी के प्रमुख विशेषज्ञों और संबंधित मंत्रालयों के नोडल अधिकारियों को गुरुवार को आमंत्रित किया और दूरसंचार क्षेत्र पर राष्ट्रीय सुरक्षा निर्देश को लागू करने के लिए रणनीति तैयार करने के लिए घंटों तक विचार मंथन किया.
जासूसी, सुरक्षा उल्लंघनों और साइबर हमलों की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने दूरसंचार क्षेत्र के लिए ऐसे निर्देशों को मंजूरी दी थी. एक अधिकारी ने घटनाक्रम के बारे में जानकारी देते हुए कहा, एक उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के तहत जल्द ही एक समिति का गठन किया जाएगा और हमें उम्मीद है कि निर्देश अगले 180 दिनों के भीतर लागू हो जाएंगे.
Source : IANS