11 दौर की सैन्य स्तर की बातचीत और कई राउंड की कूटनीतिक वार्ता के बावजूद चीन (China) ने अपने कुत्सित इरादों का पूरी तरह से परित्याग नहीं किया है. अब जानकारी मिली है कि पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील (Pangong Lake) के पास एक बार फिर चीन अपनी सैन्य ताकत बढ़ाने में जुट गया है. एक साल पहले जहां चीनी और भारतीयों सैनिकों के बीच झड़प हुई थी वहां चीन दोबारा से सैन्य शक्ति बढ़ाने में जुट गया है. इसके साथ ही चीनी सैनिकों ने एलएसी (LAC) के इलाकों में अपनी गश्त भी बढ़ा दी है. गौरतलब है कि सर्दी का मौसम बीत जाने के बाद पीपुल्स लिबरेशन आर्मी पिछले साल अस्थायी हेलीपैड, मिसाइल पोजिशन और दूसरी चीजें जो नीचले इलाकों में थी वापस उस ओर बढ़ती दिख रही है. हालांकि पूर्वी लद्दाख (Ladakh) में चीनी सेना ने एक बार फिर अपनी स्थिति मजबूत कर ली है.
टकराव वाले हिस्सों में सैनिकों की संख्या बढ़ी
चीन की ओर से टकराव वाले इलाके के आस- पास सैनिकों की संख्या बढ़ी है. पिछले साल 5- 6 मई के दिन पैंगोंग के उत्तरी इलाके में झड़प हुई जिसमें दोनों ओर से दर्जनों सैनिक घायल हुए. 9 मई को फिर एक बार झड़प हुई. जून के महीने में पैंगोंग झील वाले इलाके में हिंसक झड़प हुई. 15 जून को 45 साल में पहली बार गलवान घाटी में झड़प में भारत के 20 सैन्यकर्मी शहीद हो गए. वहीं चीन के भी कई सैनिक मारे गए.
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दोस्ती का हाथ दिखावे के लिए
गौरतलब है कि इस बीच चीन अपनी तरफ से कई बार झांसा देता आया. बीते शुक्रवार को ही चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को फोन कर कोरोना महामारी से निपटने में मदद का हाथ बढ़ाया था. हालांकि ऐसी खबरें भी आईं कि इस दौरान दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने एलएसी के हालात पर भी चर्चा की ताकि पूर्वी लद्दाख में शांति कायम की जा सके. गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से एलएसी पर दोनों देशों की सेनाओं में तनातनी एक बार फिर से बढ़ रही है. इसके पहले चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भारत में आए कोरोना संकट पर सहानभूति मैसेज भेजा था.
HIGHLIGHTS
- पैंगोंग झील के पास फिर बढ़ी चीनी सैनिकों की संख्या
- एलएसी पर गश्त भी बढ़ाई चीनी सैनिकों ने
- भारत भी चौकन्ना. हर तरह से जवाब मिलेगा ड्रैगन को