दोस्ती का हाथ बढ़ाते-बढ़ाते धोखा देना चीन की पुरानी फितरत है. कभी एलएसी पर घुसपैठ हो या नेपाल की जमीन को अपना बताना, चीन हमेशा ही धोखा देता रहा है. हाल में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने एक ऐसा बयान दिया है, जिसके बाद तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं. जिनपिंग ने चीनी सेना का तैयार रहने के लिए कहा है जिसके बाद कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. रक्षा मंत्रालय को सबूत मिले हैं कि पूर्वी लद्दाख के चुमार में एलएसी से महज 82 किलोमीटर की दूरी पर स्थित शिंकाने पीएलए कैंप के आसपास 35 भारी सैन्य वाहनों और चार 155 एमएम पीएलजेड 83 सेल्फ प्रोपेल्ड होवित्जर की ताजा तैनाती के संकेत हैं.
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चीनी सरकार के प्रोपेगैंडा मीडिया हाउस ग्लोबल टाइम्स ने अन्य मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से बताया है कि पीएलए के युद्धक विमानों ने स्प्रिंग फेस्टिवल से पहले ताइवान के द्वीप के आस-पास अपना अभ्यास जारी रखा है. इसके अलावा, झिंजियांग मिलिट्री कमांड के उच्च ऊंचाई वाले सीमा रक्षा सैनिकों को कई नए हथियार और उपकरण मिले हैं. चीन के साथ गलवान हिंसा के बाद तनाव के हालात सुधारने के लिए भारत और चीन ने नौ राउंड की सैन्य वार्ता पूरी तो की है, लेकिन पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) 3488 किलोमीटर की वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अपने हथियारों के साथ पीछे हटने के कोई संकेत नहीं दिखा रही है.
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वहीं, रूडोक निगरानी सुविधा के पास, एलएसी से 90 किमी दूर, सैनिकों के लिए चार नए बड़े शेड और विभाजन क्वार्टर के पास वाहनों की भारी तैनाती और नए निर्माण कार्य पिछले महीने देखे गए हैं. रुडोक और शिक्नेह दोनों कब्जे वाले अक्साई चिन क्षेत्र में हैं. इधर, भारत चीन के साथ लगने वाली उत्तरी सीमाओं पर अपनी सर्विलांस क्षमता बढ़ाने जा रहा है। वहीं बड़ी संख्या में ड्रोन, सेंसर, सैनिक सर्वेक्षण और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध उपकरण तैनात करेगा ताकि पीएलए की गतिविधियों पर नज़र रखी जा सके और घुसपैठ का पता लगाने के लिए भी कदम मज़बूत हों.
Source : News Nation Bureau