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भारत के चुनावी नतीजों पर चीन की नजर, शी जिनपिंग के मुखपत्र ने PM मोदी को लेकर कह दी ये बात

Lok Sabha Election Result: पीएम मोदी के दोबारा सत्ता में लौटने पर भारत और चीन के संबंधों में सुधार होने की संभावना है. चीन सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स में ये बात कही गई है.

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Suhel Khan
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PM Modi Xi Jinping

PM Modi and Xi Jinping( Photo Credit : Social Media)

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Lok Sabha Election Result: लोकसभा  चुनाव के नतीजों से पहले आए एग्जिट पोल में बीजेपी की प्रचंड बहुमत वाली सरकार बनने की बात कही है. एग्जिट पोल में कहा गया है कि पीएम मोदी तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं और बीजेपी इस बार 400 पार करने जा रही  है. भारत ही नहीं बल्कि पड़ोसी देश चीन में भी लोकसभा चुनाव के नतीजों को लेकर चर्चा हो रही है. खासकर पीएम मोदी के तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने की खबरों का चीन में भी असर दिखाई दे रहा है. साथ ही चीन पीएम मोदी की जीत को सकारात्मक तरीके से ले रहा है.

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'पीएम मोदी के दोबारा सत्ता में आने पर मधुर होंगे संबंध'

दरअसल, चीन के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने पीएम मोदी के तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने पर दोनों देशों के संबंध मधुर होने की बात कही है. ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि नरेंद्र मोदी के दोबारा प्रधानमंत्री बनने पर भारत-चीन की दोस्ती की संभावना है. बता दें कि ग्लोबल टाइम्स शी जिनपिंग की सरकार का आधिकारिक समाचार पत्र है. इसीलिए ग्लोबल टाइम्स के विचारों को चीन का विचार माना जाता है. ऐसे में एक्सपर्ट्स के हवाले से लिखे गए ग्लोबल टाइम्स के इस लेख को काफी अहम माना जा रहा है.

ग्लोबल टाइम्स ने क्या लिखा?

चीनी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने हाल ही में लिखे अपने आर्टिकल में कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सत्ता में फिर से आने से भारत और चीन के बीच रिश्ते भी सुधरेंगे.  चीनी ए्क्सपर्ट्स के हवाले से ग्लोबल टाइम्स ने लिखा कि, नरेंद्र मोदी के तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने से भारत की विदेश नीति और कूटनीति और अधिक मजबूत होगी. वहीं एग्जिट पोल को लेकर विश्लेषकों का मानना ​​है कि नरेंद्र मोदी की जीत से भारत की समग्र घरेलू और विदेश नीतियां जारी रहेंगी. साथ ही पीएम मोदी से भारत की आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के उनके प्रयासों को जारी रखने की उम्मीद है. गौरतलब है कि ग्लोबल टाइम्स में चीनी सरकार की बिना मर्जी के कुछ नहीं लिखा जाता है. इसीलिए इसे चीनी सरकार की राय और बयान माना जा रहा है.

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पीएम मोदी की जीत की संभावना पर क्या बोले चीनी एक्सपर्ट्स 

वहीं सिंघुआ यूनिवर्सिटी के नेशनल स्ट्रेटजी इंस्टीट्यूट में रिसर्च डिपार्टमेंट के डायरेक्टर कियान फेंग ने रविवार को चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स से बातचीत के दौरान कहा कि नरेंद्र मोदी भारत के लिए निर्धारित घरेलू और विदेश नीति के उद्देश्यों को आगे बढ़ाते रहेंगे, जिसमें उनका मुख्य ध्यान कुछ सालों के भीतर अमेरिका और चीन के बाद भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने पर रहेगा. इसके साथ ही भारत को एक अग्रणी शक्ति बनाने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण पर उनका मानना है कि नरेंद्र मोदी कूटनीतिक चैनलों के माध्यम से भारत के वैश्विक प्रभाव को लगातार बढ़ाने की दिशा में काम कर रहे हैं.

भारत और चीन के बीच होगी दोस्ती?

भारत और चीन के संबंधों को लेकर चीनी विशेषज्ञों का कहना है कि अगर नरेंद्र मोदी फिर से प्रधानमंत्री बनते हैं तो चीन और भारत के बीच इस बार टकराव बढ़ने की संभावना नहीं है. गौरतलब है कि साल 2020 में जून के महीने में गलवान घाटी में भारत और चीनी सैनिकों के बीच खूनी झड़प हो गई थी. जिसमें दोनों और के कई सैनिक मारे गए थे.

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इस झड़प के बाद दोनों देशों के बीच टकराव बढ़ गया है. फुडान यूनिवर्सिटी में सेंटर फॉर साउथ एशियन स्टडीज के डिप्टी डायरेक्टर लिन मिनवांग ने ग्लोबल टाइम्स से कहा कि, 'चीन और जापान-ऑस्ट्रेलिया जैसे अमेरिकी सहयोगियों समेत कई देशों के बीच संबंध अब सुधर रहे हैं. इसलिए भारत यह सवाल उठा सकता है कि चीन-भारत संबंधों में अब तक कोई सुधार या सहजता क्यों नहीं दिख रही है."

पीएम मोदी के इंटरव्यू को किया याद

ग्लोबल टाइम्स ने आगे लिखा, 'अमेरिकी मैग्जीन न्यूजवीक को अप्रैल महीने में दिए एक इंटरव्यू में पीएम मोदी ने कहा था कि भारत के लिए चीन के साथ संबंध अहम और सिग्निफिकेंट हैं. उन्होंने कहा था कि भारत और चीन को अपनी सीमाओं पर लंबे समय से चली आ रही टकराव की स्थिति को तत्काल हल करने की जरूरी है. जिससे हमारे द्विपक्षीय संबंधों में खटास को पीछे छोड़ा जा सके. पीएम मोदी ने यह भी कहा था कि भारत और चीन के बीच स्थिर और शांतिपूर्ण संबंध न केवल दोनों देशों के लिए बल्कि पूरे इलाके और दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं.'

क्या भारत-चीन संबंधों में होगा सुधार?

ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक, चीन भारत के साथ संबंधों को सक्रिय रूप से बेहतर करने के लिए प्रतिबद्ध है. चीनी पक्ष का मानना है कि स्थिर द्विपक्षीय संबंध बनाए रखना दोनों पक्षों के हित में है. विश्लेषकों का कहना है कि अगर भारत पीएम मोदी के अगले कार्यकाल में चीन के साथ मिलकर काम कर सकता है, तो इससे दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार का रास्ता साफ हो सकता है."

HIGHLIGHTS

  • लोकसभा चुनाव के नतीजों पर चीन की नजर
  • पीएम मोदी के सत्ता में वापसी पर चीन भी खुश
  • ड्रैगन को भारत-चीन संबंधों में सुधार की उम्मीद 

Source : News Nation Bureau

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