चीन अभी भी LAC (Line of Control) के पास अपनी कुटिल चालों से बाज नहीं आ रहा है. बीते तीन सालों से भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख को लेकर बढ़ रहे तनाव पर चर्चा चल रही है. इस बीच चीन ने LAC के पश्चिम सेंक्टर में एक बॉर्डर रेजिमेंट की तैनाती की है. लद्दाख की गलवान घाटी में भारत से हिंसक झड़प के ठीक बाद चीन ने यहां भारी संख्या में सैनिकों की तैनाती कर दी है. इसके साथ बहुत तेजी से इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा कर दिया है. पेंटागन की एक रिपोर्ट के अनुसार, कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने यूएस कांग्रेस के सामने वार्षिक रिपोर्ट रखी है. इसमें कहा गया है कि वर्ष 2022 में चीन ने LAC पर भारी संख्या में सेना की तैनात की. 2023 में करीब-करीब यही हालात रहने की उम्मीद है.
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4 कंबाइंड आर्म्स ब्रिगेड भी रिजर्व में
पेंटागन की रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने LAC के पश्चिमी सेक्टर में एक बॉर्डर रेजिमेंट की तैनाती की है. इसकी मदद के लिए जिनजियांग और तिब्बत मिलिट्री डिवीजन की दो टुकड़ी को भी जोड़ा है. इसके साथ 4 कंबाइंड आर्म्स ब्रिगेड (CAB) भी रिजर्व में हैं. इसके साथा पूर्वी सेक्टर में कम से कम तीन हल्की रेंज की कंबाइंड आर्म्स ब्रिगेड की तैनाती हुई है.
यह रेजिमेंट खतरनाक हथियारों से लैस है
ऐसी जानकारी सामने आई है कि चीन की एक बॉर्डर रेजीमेंट को यहां पर तैनात किया गया है. इसमें कम से कम 4500 जवान शामिल होते हैं. यह रेजिमेंट खतरनाक हथियारों से लैस है. इसके साथ हर मौसम में ऑपरेशन को अंजाम देने में माहिर माना जाता है. पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर टकराव की वजह भारत और चीन के बीच तीन साल से तनाव जारी है। अब तक कई दौर की राजनयिक और सैन्य वार्ता के बाद पूर्वी लद्दाख के कई क्षेत्रों में डिसएंगेजमेंट की प्रक्रिया पूरी हुई थी.
Source : News Nation Bureau