अनसुलझे मुद्दों और द्विपक्षीय विवादों के बावजूद चीन ने कहा है कि भारत के साथ उसके संबंध मज़बूत हुए हैं। एशिया प्रशांत सुरक्षा सहयोग पर चीन की नीतियां संबंधी श्वेत पत्र में कहा गया है कि भारत के साथ उसके संबंध 'मजबूत' हुए हैं। हालांकि, इस श्वेत पत्र में चीन ने एनएसजी की सदस्यता के लिये भारत की कोशिश और पाकिस्तानी आतंकवादी मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने को लेकर कुछ भी नहीं कहा गया है।
बुधवार को जारी किये गए श्वेत पत्र में कहा गया है कि चीन-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर पर मतभेद और वियतनाम के साथ भारत के संबंध मजबूत होने के बावजूद दोनों देशों के बीच संबंध बेहतर हुए हैं।
आतंकवाद पर चीन ने भारत और पाकिस्तान का नाम लिए बगैर कहा है, "चीन का मानना है कि आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली जगहों को खत्म करने के लिये विभिन्न देशों के बीच बातचीत की प्रक्रिया बढ़नी चाहिए और इस समस्या का समाधान राजनीतिक, आर्थिक और राजनयिक जरिये से होना चाहिए। इसके साथ ही, आतंकवाद से लड़ने के लिए दोहरे मापदंड नहीं अपनाए जाने चाहिये। आतंकवाद को किसी विशेष देश, नस्ल या धर्म से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।"
जारी किये गए श्वेत पत्र के मुताबिक, "2015 से शांति और समृद्धि के लिए चीन और भारत के बीच रणनीतिक भागीदारी और सहयोग ज्यादा मजबूत हुआ है। दोनों देशों ने विकास के लिए भागीदारी बढ़ाने का लक्ष्य तय किया है और वे क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों को लेकर एक-दूसरे के संपर्क में रहे हैं।"
एनएसजी में भारत की सदस्यता और लश्करे तैयबा के सरगना पर संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रस्ताव का चीन लगातार विरोध कर रहा है। हालांकि इन मुद्दों का इस श्वेत पत्र में ज़िक्र नहीं किया गया है।
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री ली कुचियांग के साथ कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात का जिक्र करते हुए बताया गया है, 'दोनों देशों ने अंतरराष्ट्रीय मामलों पर संपर्क और समन्वय बरकरार रखा है और संयुक्त राष्ट्र, ब्रिक्स, जी20 में आपसी सहयोग को बढ़ाया है। क्लाइमेट चेंज, डब्ल्यूटीओ की दोहा राउंड की बातचीत, एनर्जी और फूड सिक्यॉरिटी, इंटरनेशनल फाइनेंशियल और मॉनेटरी इंस्टीट्यूशंस के रिफॉर्म जैसे क्षेत्रों में आपसी सहयोग किया है। इससे चीन, भारत और दूसरे विकासशील देशों के साझा हितों की सुरक्षा करने में मदद मिली है।'
श्वेतपत्र में दोनों देशों के बीच सैन्य संबंधों में भी सुधार होने की बात कही गई है। इसमें बताया गया है, 'चीन और भारत की सेनाओं के बीच संबंध मजबूत और स्थिर रहे हैं।'
चीन ने इस श्वेत पत्र में अमेरिका, रूस, जापान और दक्षिण कोरिया के साथ अपने संबंधों की भी जानकारी दी है। इसमें कहा गया है कि एशिया-पैसिफिक में सुरक्षा की स्थिति स्थिर है।
Source : News Nation Bureau