नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने बुधवार को कहा कि हिन्द महासागर क्षेत्र में चीनी नौसेना की मौजूदगी तेजी से बढ़ रही है और भारतीय नौसना ‘मिशन आधारित’ तैनाती के माध्यम से उनपर नजर रख रही है. नौसेना प्रमुख ने कहा कि चीन का ‘बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव’ (बीआरआई) और चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा भारत की सम्प्रभुता पर प्रभाव डालता है.
‘रायसीना डायलॉग’ में पैनल चर्चा के दौरान करमबीर सिंह ने कहा कि ऐसी घटनाएं भी हुई हैं जब पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के जहाज भारत के अनन्य आर्थिक क्षेत्र में घुस आए हैं और नौसेना ने कहा है कि यह भारत के हितों को प्रभावित करता है. यह पूछने पर कि ऐसी घटनाएं होने पर क्या चीन ने भारत के दावे का पालन किया, एडमिरल सिंह ने कहा कि ऐसी एक घटना के दौरान हाल ही में हमने चेताया, उन्होंने उसका सम्मान किया और वापस चले गए. उनकी यह टिप्पणी अंडमान सागर में भारत के अनन्य आर्थिक क्षेत्र में घुस आए चीनी नौसैनिक जहाज वाली घटना पर थी.
एडमिरल सिंह ने कहा कि चीन की नौसेना पीएलए की सामरिक शाखा है और वह बहुत तेजी से बढ़ी है. उन्होंने कहा कि हम सभी को संख्या, टन भार, जहाजों की संख्या और बढ़ रही सभी चीजों की जानकारी है. हमने 2008 से हिन्द महासागर में ही देखा है, जब वे पहली बार दस्यु विरोधी गश्त के लिए आए थे. उन्होंने कहा कि पहले हिन्द महासागर क्षेत्र में उनकी उपस्थिति बेहद स्पष्ट नहीं होती थी, लेकिन अब किसी भी समय क्षेत्र में पीएलए के सात से आठ युद्धक पोत आपको दिख जाएंगे.
एडमिरल ने कहा कि जिबूती वास्तविकता है, ग्वादर में काम चल रहा है और अन्य कई जगहों पर शुरू होने वाला है. एडमिरल सिंह के अलावा जापान के ज्वाइंट स्टाफ ऑफ सेल्फ-डिफेंस फोर्स जनरल कोजी यामाकाजी, ऑस्ट्रेलिया के वाइस चीफ ऑफ द डिफेंस फोर्स एडमिरल डेविड जॉनस्टन, फ्रांस के डिप्टी डायरेक्टर जनरल फॉर इंटरनेशनल रिलेशंस एंड स्ट्रैटेजी, मिनिस्ट्री ऑफ आर्म्ड फोर्सेज जनरल लुक डे रैन्कोर्त और ब्रिटेन के चीफ ऑफ नेवल स्टाफ एडमिरल टोनी राडाकिन ने पैनल चर्चा में भाग लिया.
Source : Bhasha