चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग 11 अक्टूबर को भारत आएंगे जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ उनकी दूसरी अनौपचारिक शिखर वार्ता होगी. विदेश मंत्रालय ने कहा , ‘प्रधानमंत्री के आमंत्रण पर ‘पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना’ के प्रमुख शी चिनफिंग दूसरी अनौपचारिक शिखर वार्ता के लिए 11 -12 अक्टूबर 2019 को चेन्नई में होंगे.’ इसमें कहा गया कि यह एक ऐसा अवसर होगा जब दोनों नेता द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक महत्व के अत्यंत आवश्यक मुद्दों पर अपनी चर्चा को आगे बढ़ाएंगे. शिखर वार्ता चेन्नई के समीप प्राचीन तटीय शहर मामल्लापुरम में होगी.
वहीं मोदी-शी शिखर वार्ता से जुड़े सूत्रों ने बताया कि शी के भारत दौरे में कश्मीर का मामला उठाने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत के नजरिए से उन्हें वाकिफ कराएंगे. उन्होंने बताया कि कश्मीर पर भारत का रुख एकदम स्पष्ट है और अगर शी ने मामला उठाया तो मोदी उन्हें हमारा पक्ष समझाएंगे. उन्होंने बताया कि मोदी और शी के बीच दूसरी अनौपचारिक शिखर वार्ता में ध्यान संबंधों को गहरा करने के व्यापक तरीकों की खोज पर केंद्रित होगा. सूत्रों ने बताया कि वार्ता में व्यापार, राजनीतिक संबंधों, आतंकवाद से निपटने के तरीकों पर चर्चा की जाएगी. साथ ही सीमा पर शांति और सौहार्द बनाए रखने पर भी बातचीत की जाएगी.
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इस बीच, चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने बुधवार को घोषणा की कि शी और मोदी के बीच दूसरी अनौपचारिक शिखर वार्ता चेन्नई के समीप प्राचीन तटीय शहर मामल्लापुरम में 11 और 12 अक्टूबर को होगी. उन्होंने बताया कि इसके बाद शी 13 अक्टूबर को नेपाल के राजकीय दौरे पर जाएंगे.
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नेपाल के दौरे पर भी जाएंगे जिनपिंग
इस बीच, चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने घोषणा की कि शी और पीएम मोदी के बीच दूसरी अनौपचारिक शिखर वार्ता चेन्नई के पास प्राचीन तटीय शहर मामल्लापुरम में 11 और 12 अक्टूबर को होगी. उन्होंने बताया कि शी 13 अक्टूबर को नेपाल के राजकीय दौरे पर जाएंगे. बहरहाल, लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश घोषित करने पर चीन की आपत्ति पर सूत्रों ने कहा कि यह स्थानीय आबादी की मांग पर किया गया है और इससे दोनों देशों की सीमा को लेकर अपनी अपनी सोच में कोई बदलाव नहीं आएगा.
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सूत्रों ने बताया कि शी की भारत यात्रा से पहले पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की चीन की यात्रा उनका द्विपक्षीय मामला है. उन्होंने कहा कि अनौपचारिक शिखर सम्मेलन बेहद महत्वपूर्ण है और इसका वृहद उद्देश्य भारत-चीन संबंधों के भविष्य के विकास का व्यापक रास्ता तलाशना है. उन्होंने बताया कि पीएम मोदी और शी की बैठक के बाद कोई समझौता या संयुक्त वक्तव्य जारी करने की कोई योजना नहीं है.
HIGHLIGHTS
- भारत के दौरे पर आएंगे चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग
- चेन्नई में पीएम मोदी से मुलाकात करेंगे शी चिनफिंग
- पीएम मोदी कश्मीर के मामले से करवाएंगे वाकिफ