सिक्किम सेक्टर में सीमा पर चल रहे तनाव के बीच चीन ने साफ कर दिया है कि वह इस मामले में कोई समझौता नहीं करने जा रहा है। इसके साथ ही चीन ने सीमा पर जारी स्थिति को ' बेहद गंभीर' करार देते हुए गेंद को भारत के पाले में डाल दिया है।
भारत में चीन के राजदूत लू झाओही ने कहा इस मामले में भारत को तय करना है कि वह इस सैन्य गतिरोध को कैसे सुलझाना चाहता है।चीन की सरकारी मीडिया और थिंक टैंक की तरफ से गतिरोध नहीं सुलझाए जाने की स्थिति में युद्ध की धमकी दिए जाने के बारे में पूझे जाने पर लू ने कहा, 'विकल्पों के बारे में बातचीत की जा रही है। यह आपकी सरकार के ऊपर है। (क्या वह इसका युद्ध के जरिये समाधान निकालना चाहते हैं।)'
चीन ने कहा है कि वह मौजूदा गतिरोध का शांतिपूर्ण तरीके से समाधान चाहता है और इसके लिए 'पहली शर्त' भारतीय सेना को पीछे हटाए जाने की है। उन्होंने कहा, 'पहली प्राथमिकता यह है कि भारतीय सेना अपनी सरहद में वापस जाए। यह चीन और भारत के बीच होने वाली किसी बातचीत की पहली शर्त है।'
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पिछले 19 दिनों से भारत और चीन भूटान के पास डोकालम में आमने-सामने हैं। चीन की सेना की तरफ से इस इलाके में सड़क का निर्माण किए जाने के बाद दोनों देशों की सेना आमने-सामने आ चुकी है। डोकाला उसी क्षेत्र का नाम है, जिसे भूटान डोकालम के तौर पर बताता है। जबकि चीन इसे डोंगलांग क्षेत्र का हिस्सा बताता है। चीन औऱ भूटान इस इलाके को लेकर बातचीत कर रहे हैं। हालांकि चीन और भूटान के बीच किसी तरह का कूटनीतिक संबंध नहीं है।
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लू ने कहा, 'स्थिति गंभीर है और इससे हम चिंतित हैं। यह पहली बार हुआ है जब भारतीय सैनिकों ने चीनी सीमा में दखल दिया है। 19 दिन बीत चुके हैं और लेकिन अभी तक इसका कोई समाधान नहीं निकला है।'
उन्होंने कहा कि भारत के पास चीन और भूटान की सीमाई बातचीत में दखल देने का कोई अधिकार नहीं है। नहीं उसे भूटान की तरफ से किसी जमीन पर दावा करने को कोई हक है।
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HIGHLIGHTS
- सिक्किम सेक्टर में सीमा पर चल रहे तनाव के बीच चीन ने साफ कर दिया है कि वह इस मामले में कोई समझौता नहीं करने जा रहा है
- इसके साथ ही चीन ने सीमा पर जारी स्थिति को ' बेहद गंभीर' करार देते हुए गेंद को भारत के पाले में डाल दिया है
- चीन ने कहा कि यह भारत को तय करना है कि वह युद्ध चाहता है या शांतिपूर्ण समाधान
Source : News Nation Bureau