पूर्वी लद्दाख में हिंसक झड़प के बाद से भारत-चीन (India-china) का माहौल शांत नहीं हुआ है. भारत ने दो टूक कह दिया है कि सीमा पर तभी तनाव खत्म होगा जब चीन वहां निर्माण बंद कर दे. चीन में भारत के राजदूत विक्रम मिस्त्री ने कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन के लिए सैन्य गतिरोध को समाप्त करने का एकमात्र तरीका है कि वहां नए निर्माण बंद कर दे.
चीन में भारत के राजदूत विक्रम मिस्त्री ने कहा कि गलवान घाटी पर चीन की सम्प्रभुता का दावा ‘टिकने योग्य’ नहीं है, ऐसे बढ़-चढ़ कर किए गए दावों से कोई मदद नहीं मिलने वाली.
मिस्री ने कहा कि जमीनी स्तर पर यथास्थिति को बदलने के चीन के प्रयास से सीमा संबंधी द्विपक्षीय संबंधों में 'प्रभाव' पड़ेगा और प्रतिक्रया होगी.
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उन्होंने कहा कि शेष द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति के लिए सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखना अनिवार्य शर्त है. जमीनी स्तर पर चीनी सेना की कार्रवाई ने द्विपक्षीय संबंधों में विश्वास को काफी ठेस पहुंचाया है.
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राजदूत मिस्री ने कहा कि चीन को भारतीय सेना के सामान्य गश्त में अवरोध और बाधाएं उत्पन्न करना बंद करना चाहिए. भारत ने हमेशा वास्तविक नियंत्रण रेखा के भारतीय इलाके में ही अपनी गतिविधियों को अंजाम दिया है. चीन को सीमा का उल्लंघन करने और वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारतीय इलाके में निर्माण का चलन बंद करना होगा.
बता दें कि 15 जून को गलवान घाटी में हिंसक झड़पों में 20 भारतीय सैनिकों के शहीद हो जाने के बाद तनाव और बढ़ गया. दोनों सेनाओं के वरिष्ठ सैन्य कमांडरों ने सोमवार को करीब 11 घंटे तक बातचीत की थी जिसमें वे पूर्वी लद्दाख में टकराव के सभी बिंदुओं से क्रमिक तरीके से हटने की आपसी सहमति पर पहुंचे थे. दोनों पक्षों ने बुधवार को भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय की कार्यप्रणाली की रूपरेखा के तहत राजनयिक स्तर की बातचीत की थी.
Source : News Nation Bureau