लद्दाख में पीछे नहीं हट रहा चीन, सर्दियों के लिए राशन जुटा भारतीय सेना भी तैयार

पूर्वी लद्दाख (Ladakh) में गतिरोध की स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिसका कारण चीनी सैनिकों का वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) से पीछे नहीं हटना है.

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Nihar Saxena
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बातचीत में बनी सहमति को भी नहीं मान रहा चीन.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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भारत (India) और चीन (China) के बीच हुए हिंसक संघर्ष के बाद पूर्वी लद्दाख (Ladakh) में गतिरोध की स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिसका कारण चीनी सैनिकों का वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) से पीछे नहीं हटना है. चीन का यह रवैया दोनों देशों के बीच हुई वार्ता के दौरान बनी आम सहमति के विपरीत है. ऐसे में भारतीय सैनिकों को पर्याप्त राशन और अन्य सामानों की आपूर्ति के लिए बड़े पैमाने पर लॉजिस्टिकल अभ्यास शुरू कर दिया गया है, क्योंकि टकराव के क्षेत्र में अभी भी अस्थिरता का माहौल बना हुआ है.

बातचीत को किया नजरअंदाज
बीते 14 जुलाई को कोर कमांडर स्तर की बैठक के दौरान एक रोडमैप तैयार किया गया था, जिसके अनुसार चीन को अपने सैनिकों को पूरी तरह से पीछे हटाना था, हालांकि वह उस रोडमैप का पालन नहीं कर रहा है. चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के जवान पीछे नहीं हटे हैं. भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठानों ने कहा कि चीनी सैनिक थोड़ा पीछे हटे थे और फिर वापस आ गए. इसलिए भारतीय और चीनी सैन्य प्रतिनिधियों के बीच बैठकों के दौरान तय हुई आम सहमति के निरंतर सत्यापन की आवश्यकता है.

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रिज लाइन पर चीनी सैनिकों का डेरा
यह देखा गया कि भारतीय और चीनी सैनिकों ने पेंगोंग झील में 2 किलोमीटर तक अपने सैनिकों को पीछे हटाया है और फिंगर 4 रिक्त है. हालांकि, चीनी अभी भी रिज लाइन पर डेरा डाले हुए हैं. इससे यह स्पष्ट है कि चीनी फिंगर 4 पर डेरा डाले हुए हैं, जो परंपरागत रूप से भारतीय नियंत्रण में है. चीनी सैनिक फिंगर 8 से फिंगर 4 तक भारतीय क्षेत्र में आठ किलोमीटर तक अंदर आ गए थे. वहीं भारत का कहना है कि एलएसी फिंगर 8 से चलता है. गौरतलब है माउंटेन स्पर्स को फिंगर के रूप में संदर्भित किया जाता है.

कहीं 3 किमी तो कहीं 800 मीटर दूर दोनों सेनाएं
पैट्रोलिंग पॉइंट 14 कहे जाने वाले गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच की दूरी तीन किलोमीटर है, जबकि पैट्रोलिंग पॉइंट 15 पर दोनों देशों के सैनिकों के बीच की दूरी करीब 8 किलोमीटर है. हालांकि पैट्रोलिंग प्वाइंट 17 यानी हॉट स्प्रिंग्स में दोनों तरफ की 40-50 सैन्य टुकड़ियां सिर्फ 600-800 मीटर की दूरी पर हैं. चीनी सेना आम सहमति के अनुसार पीछे हट गई थी, लेकिन फिर से लौट आई.

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राजनाथ सिंह ने भी दी चेतावनी
चीनी रवैये को देखते हुए भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को भारतीय वायु सेना की परिचालन क्षमताओं और फॉरवार्ड लॉकेशन पर तैनाती की समीक्षा करते हुए बल को चीन के साथ सीमा पर किसी भी तरह की घटना को संभालने के लिए तैयार रहने का आग्रह किया. सिंह ने यह आग्रह बुधवार को नई दिल्ली में तीन दिवसीय एयर फॉर्स कमांडर्स कॉन्फ्रेंस के उद्घाटन सत्र में अपने संबोधन के दौरान किया था. मंत्री ने पिछले सप्ताह अपने लद्दाख दौरे के दौरान कहा था कि भारत शांति चाहता है, लेकिन चीन के साथ वार्ता के अंतिम परिणाम की कोई गारंटी नहीं है.

HIGHLIGHTS

  • चीन ने कई राउंड की बातचीत के बाद अपनाया अड़ियल रुख.
  • एलएसी के कई स्थानों से पीछे नहीं हटी चीनी सेना.
  • भारत ने भी सर्दियों के लिए तैयारियां शुरू की.
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