दिल्ली में आयोजित के कार्यक्रम में तिब्बती धर्म गुरु दलाई लामा ने कहा है कि अगर वो भारत-चीन के रिश्तों पर बात करेंगे तो इससे मुश्किलें बढ़ेंगी।
अंतराराष्ट्रीय सहयोग परिषद के कार्यक्रम में जब पत्रकारों ने दलाई लामा से भारत-चीन के रिश्तों को लेकर सवाल पूछा तो उन्होंने कहा, 'अगर मैं यहां भारत और चीन के रिश्तों पर बात करूं तो यह भारत की मुश्किलों को बढ़ा देगा।'
उन्होंने भारत के विकास की बात करते हुए कहा जैसे चीन ने चाइना टॉउन बनाया है वैसे ही अब भारत को इंडिया टॉउन बनाना चाहिए।
गौरतलब है कि तिब्बत पर हमेशा से चीन अपना दावा करता रहा है और इसी वजह से दलाई लामा को भारत में निर्वासित जीवन बिताना पड़ा रहा है।
हालांकि उन्होंने एक बार फिर तिब्बत को स्वतंत्र देश बताते हुए कहा चीन के इतिहास या ऐसी किसी किताब में भी इस बात का कहीं कोई जिक्र नहीं है कि तिब्बत कभी भी चीन का हिस्सा रहा है। भौगोलिक दृष्टि से भी देखें तो तिब्बत स्वतंत्र देश रहा है।
उन्होंने कहा जब आप पहाड़ों से गुजरेंगे तो आप देखेंगे कि एक तरफ चीन तो उसकी दूसरी तरह तिब्बत है। दोनों जगहों की भाषाएं अलग है इसलिए तिब्बत एक स्वतंत्र देश है।
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दलाई लामा ने भारतीयों के सीमित तौर पर आलसी होने का जिक्र करते हुए कहा कि चीन के लोग ज्यादा मेहनती होते हैं। भारत-चीन रिश्तों पर दलाई लामा ने खुलकर कुछ भी नहीं कहा लेकिन चीन-अमेरिका के रिश्तों पर उन्होंने अपनी राय खुलकर रखी।
दलाई लामा ने कहा, राष्ट्रपति ट्रंप 'अमेरिका फर्स्ट' की बात करते हैं जबकि अमेरिका भी इसी दुनिया का हिस्सा है इसलिए उन्हें पूरे विश्व की बात करनी चाहिए। ग्लोबल वॉर्मिंग आज बड़ी समस्या है जिसपर पूरी दुनिया को सोचने और काम करने की जरूरत है।
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Source : News Nation Bureau