पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनाव के बीच भारत अपने सालाना मालाबार नौसैनिक अभ्यास में हिस्सा लेने के लिए ऑस्ट्रेलिया (Australia) को आमंत्रित करने की योजना बना रहा है. इस साल के अंत में होने वाले मालाबार नौसैनिक अभ्यास (Malabar naval exercise) में भाग लेने में ऑस्ट्रेलिया की दिलचस्पी पर भारत गंभीरता से विचार कर रहा है. भारत का ये फैसला चीन के लिए एक बड़ा संदेश होगा, क्योंकि चीन (China) इन चारों देशों को एकजुट होने से रोकने का प्रयास करता रहा है.
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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, केंद्र सरकार की ओर से अंतिम मंजूरी मिलने के बाद जापान और अमेरिका से विचार-विमर्श कर भारत अगले हफ्ते ऑस्ट्रेलिया को आधिकारिक तौर पर न्यौता भेज सकता है. मामले की जानकारी रखने वाले लोगों का कहना है कि यदि भारत ऑस्ट्रेलिया को अभ्यास में शामिल करने का निर्णय लेता है तो वह उस चतुर्भुज गठबंधन का हिस्सा होगा, जिसकी स्थापना हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थायित्व कायम करने व चीन के प्रभाव को कम करने के उद्देश्य से की गई थी.
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नवंबर 2017 में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया ने दीर्घकाल से लंबित चतुर्भुज गठबंधन को आकार दिया था, ताकि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों को किसी के प्रभाव से मुक्त रखने के वास्ते नई रणनीति बनाई जा सके. आपको बता दें कि भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के समूह को 'क्वॉड' के नाम से भी जाना जाता है. 2004 में सुनामी के बाद इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के देशों की मदद करने के लिए इस समूह को बनाया गया था.
मामले की जानकारी रखने वाले लोगों के अनुसार, मालाबार नौसैनिक अभ्यास में भाग लेने के प्रति ऑस्ट्रेलिया की दिलचस्पी पर भारत गंभीरता से विचार कर रहा है और अगले कुछ सप्ताह में इस पर निर्णय लिया जा सकता है. हालांकि यह तय माना जा रहा है कि इस नौसैनिक अभ्यास में ऑस्ट्रेलिया को बुलाने का चीन विरोध करेगा. क्योंकि इन चारों देशों के एकजुट होने से चीन की चिंताएं बढ़ सकती हैं.
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