चीन पर भरोसा करना नामुमकिन है. भारत के दवाब के बाद भले ही चीन ने अरूणाचल प्रदेश के पांच युवकों को शनिवार को भारत को सौंप दिया हो लेकिन वह अपनी हरकत से बाज नहीं आया. चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में इन सभी युवकों को जासूस बताया गया है. सभी युवकों को आज सुबह चीन से भारत के लिए रवाना किया गया. इन युवकों को 14 दिन के लिए क्वारंटीन किया जाएगा. इसके बाद इन्हें परिवार को सौंपा जाएगा.
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यह घटना तब सामने आई थी जब एक समूह के दो सदस्य जंगल में शिकार के लिए गए थे और लौटने पर उन्होंने उक्त पांच युवकों के परिवार वालों को जानकारी दी थी कि युवकों को सेना के गश्ती क्षेत्र सेरा-7 से चीनी सैनिक ले गए हैं. यह स्थान नाचो से 12 किलोमीटर उत्तर में स्थित है. मैकमोहन रेखा (McMahon Line) पर स्थित नाचो अंतिम प्रशासनिक क्षेत्र है और यह दापोरीजो जिला मुख्यालय से 120 किलोमीटर दूर है. चीनी सेना (Chinese Army) द्वारा कथित तौर पर अगवा किए गए युवकों की पहचान तोच सिंगकम, प्रसात रिंगलिंग, डोंगतु एबिया, तनु बाकर और नगरु दिरी के रूप में की गई.
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इससे पहले शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) ने बताया था कि अरुणाचल प्रदेश से लापता हुए पांच युवकों को चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) शनिवार यानी आज भारतीय अधिकारियों को सौंप सकती है. पीएलए (PLA) ने मंगलवार को कहा था कि चार सितंबर को अपर सुबनसिरी जिले में भारत-चीन सीमा से लापता हुए पांच युवक उन्हें सीमापार मिले थे. रिजिजू ने शुक्रवार को ट्वीट किया, 'चीन की पीएलए ने भारतीय सेना से इस बात की पुष्टि की है कि वह अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) के युवकों को हमें सौंप देंगे.'
Source : News Nation Bureau