लद्दाख के गलवान घाटी में हुई भारत-चीन सेना की भिड़ंत के बाद दोनों देशों के बीच रिश्ते काफी बिगड़ गए हैं. भारत और चीन दोनों ही अपनी-अपनी सीमाओं पर किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. दोनों देशों के बीच बने हुए तनाव के माहौल को देखते हुए चीन के राजदूत सुन वेईदोंग ने कहा कि भारत और चीन को एक-दूसरे का सम्मान और समर्थन करना चाहिए. देशों के बीच का संबंध, लोगों के बीच के रिश्ते की तरह और एक-दूसरे के साथ परस्पर सम्मान पर आधारित होना चाहिए.
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चीनी राजदूत ने कहा कि दो पड़ोसी और उभरते हुए प्रमुख देशों के रूप में क्रमशः 1 बिलियन से अधिक आबादी है. चीन-भारत संबंधों की वृद्धि से न केवल हमारे दो देशों और लोगों को लाभ होगा, बल्कि यह क्षेत्र और दुनिया की शांति और समृद्धि में बड़े स्तर पर स्थिरता और सकारात्मक ऊर्जा भी जोड़ देगा. चीन और भारत के बीच पारस्परिक सम्मान और समर्थन सही मार्ग हैं और दोनों देशों के दीर्घकालिक हितों का कार्य करता है.
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उन्होंने कहा कि केवल सम्मान और समान व्यवहार से ही हम आपसी समझ और विश्वास को लगातार बढ़ा सकते हैं, संदेह और गलतफहमी से बच सकते हैं और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व और सामान्य विकास के मार्ग पर चीन और भारत के बीच "ड्रैगन-हाथी टैंगो" के लक्ष्य का एहसास कर सकते हैं. उन्होंने कहा, '' मुझे विश्वास है कि चीन और भारत, दो प्राचीन सभ्यताओं में द्विपक्षीय संबंधों को ठीक से संभालने की समझदारी और क्षमता है. हमें चीन-भारत संबंधों के विकास पर पूरा भरोसा होना चाहिए.
Source : News Nation Bureau