संयुक्त राष्ट्र में आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के प्रमुख मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने की प्रक्रिया में अड़ंगा लगाने के बाद भारत में चीन के राजदूत ल्यू झाओहुई ने कहा कि इस मुद्दे को सुलझा लिया जाएगा. चीनी राजदूत ने कहा कि यह एक तकनीकी रुकावट है यानी निरंतर बातचीत के लिए अभी समय है. मेरा विश्वास करें, इसका समाधान होगा.
लुओ ने कहा, 'मसूद अजहर का मामला हम समझते हैं. हम भारत की चिंताओं को जानते हैं और इस मुद्दे के हल के लिए आशान्वित हैं.'
इसके अलावा भारत-चीन संबंधों को लेकर उन्होंने कहा, 'पिछले साल के वुहान समिट के बाद दोनों तरफ के सहयोग सही रास्ते पर है, तेज रास्ते पर है. हम इस सहयोग से संतुष्ट हैं, भविष्य को लेकर आशान्वित हैं.'
हाल ही में चीन ने अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने के संबंध में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की प्रतिबंध समिति में पेश प्रस्ताव को अपने वीटो के अधिकार के माध्यम से चौथी बार बाधित कर दिया था. इस प्रस्ताव को अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने पेश किया था.
भारत ने चीन के इस रुख के प्रति निराशा जताई थी और प्रस्ताव पेश करने वाले देशों ने चेताया था कि वे अपना लक्ष्य हासिल करने के लिए 'अन्य कदमों' पर विचार करेंगे.
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इससे पहले भी 2017 में अमेरिका ने ब्रिटेन और फ्रांस के समर्थन से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 समिति के पास पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन के प्रमुख पर प्रतिबंध लगाने के लिए प्रस्ताव लाया था, हालांकि चीन ने इसका विरोध किया था.
चीन ने पिछले साल अक्टूबर में कहा था कि वह भारत को कई बार बता चुका है कि पाकिस्तानी आतंकी मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने में उसे दिक्कतें हैं और वह इस मामले में अपने आप संज्ञान लेगा.
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में भीषण आत्मघाती हमले में 40 भारतीय जवानों के शहादत के बाद अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने संयुक्त राष्ट्र में यह प्रस्ताव लाया था. इस क्रूर हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी. चीन ने भी इस हमले की निंदा की थी और आतंक के खिलाफ लड़ाई में प्रतिबद्धता जताई थी.
Source : News Nation Bureau