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चीन ने फिर दिखाया अड़ियल रवैया, हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा से हटने से इंकार

गौर करने वाली बात यह है कि दोनों देशों के बीच अब तक 11 बार बैठक हो चुकी हैं औऱ कई प्वाइंट पर बात रत्ती भर भी आगे नहीं बढ़ी है.

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Nihar Saxena
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Hot Springs

चीन ने गोगरा और हॉट स्प्रिंग में पीछे हटने से किया इंकार.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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पूर्वी लद्दाख (Ladakh) में हिंसक झड़प के साल भर बाद भी कई स्तर की सैन्य औऱ कूटनीतिक स्तर के बावजूद भारत (India) और चीन (China) के रिश्ते सामान्य नहीं हो पा रहे हैं. इसके लिए कहीं न कहीं बीजिंग का अड़ियल रवैया भी जिम्मेदार है. अब सूत्रों से खबर छन कर आ रही है कि बीती 9 अप्रैल को दोनों देशों के बीच हुई कमांडर स्तर की बैठक से भी खास नतीजे नहीं निकले हैं. कहा जा रहा है कि चीन ने गोगरा पोस्ट (Gogra Post) और हॉट स्प्रिंग्स (Hot Springs) से अपने जवानों को हटाने से दो टूक इंकार कर दिया है. इसके साथ ही देपसांग को लेकर भी भारत के हाथ बड़ी सफलता नहीं मिली. गौर करने वाली बात यह है कि दोनों देशों के बीच अब तक 11 बार बैठक हो चुकी हैं औऱ कई प्वाइंट पर बात रत्ती भर भी आगे नहीं बढ़ी है.

पहले राजी था अब किया इंकार
अंग्रेजी अखबार 'द इंडियन एक्सप्रेस' के अनुसार, चीन ने गोगरा पोस्ट और हॉट स्प्रिंग्स से अपनी सेना हटाने से मना कर दिया है. चीन का यही रुख देपसांग मैदानों को लेकर भी जारी है. रिपोर्ट के अनुसार, हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा पोस्ट पर मौजूद पैट्रोलिंग पॉइंट 15 और पीपी-17ए से सेना को हटाने की बात पर चीन 'पहले राजी' हो गया था, लेकिन बाद में 'जगह खाली करने से मना' कर दिया. अखबार के सूत्र बताते हैं कि बीती बातचीत में चीन ने भारत से कहा, 'जो हासिल हुआ है, उससे खुश रहना चाहिए.'

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देपसांग पर होगी अगली बैठक
रिपोर्ट के अनुसार, फिलहाल देपसांग मुद्दे को कमांडर स्तर की अगली दौर की 'बातचीत' के लिए रखा गया है. सूत्र बताते हैं 'पूरे संकट के दौरान देपसांग में कुछ भी नहीं हुआ. देपसांग में वे हमारी गश्त को रोकते हैं.' बताया गया है कि चीनी टुकड़ियां हर रोज अपनी गाड़ियों में आती हैं और रास्ता रोकती हैं. सूत्रों के अनुसार 2013 के बाद से ही भारतीय बल पैट्रोलिंग सीमा तक नहीं जा पा रहे हैं. इसको लेकर भी बातचीत किसी मुकाम तक नहीं पहुंच पा रही है.

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देपसांग में भारतीय पक्ष है पीछे
रिपोर्ट्स के अनुसार, सूत्र ने बताया देपसांग में 'हमें इस बात पर साफ रहना होगा कि हम वास्तविक नियंत्रण रेखा को लेकर मजबूत पायदान पर नहीं हैं.' उन्होंने कहा कि भारतीय सेना को देपसांग में '2013 से और उससे पहले से अब तक भी' ब्लॉक किया जा रहा है. इसमें कहा गया है, 'हम अपनी गश्त की सीमा तक जाने में सक्षम नहीं हैं... हम जाते थे और कुछ बिंदुओं तक पहुंचते थे... यहां कुछ चुने हुए पेट्रोलिंग पॉइंट्स थे, जहां हमारे पास ट्रैक थे, लेकिन 2013 के बाद चीन ने रास्ते बना दिए. उनके पास बेहतर कनेक्टिविटी थी, इसलिए वे गतिविधियां रोकते थे.' बीती फरवरी में पेंगोंग त्सो के उत्तरी और दक्षिणी किनारे और कैलाश रेंज से दोनों देशों की सेनाएं हट गई थीं.

HIGHLIGHTS

  • चीन ने गोगरा पोस्ट और हॉट स्प्रिंग्स से हटने से किया इंकार
  • देपसांग पर भी अड़ियल रवैया दिखा रहा है ढीठ बीजिंग प्रशासन
  • पैगोंग त्सो के उत्तरी-दक्षिणी किनारे से हट चुकी है पीएलए
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