चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) लद्दाख में खानाबदोशों का इस्तेमाल भारतीय क्षेत्र में अतिक्रमण करने के लिए कर रही है, जबकि भारतीय सेना ने अपने खानाबदोशों को चारागाह भूमि तक सीमित कर दिया है, जिससे स्थानीय लोगों के जीवन पर गंभीर असर पड़ रहा है. यह बात लद्दाख हिल डेवलपमेंट काउंसिल ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को बताई है.
लद्दाख हिल डेवलपमेंट काउंसिल के तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने राजनाथ सिंह से मुलाकात की और स्थानीय लोगों के लिए चराई और अन्य सीमा विकास के मुद्दों के लिए अप्रतिबंधित पहुंच बनाने का आग्रह किया. मई 2020 में भारत और चीन के बीच गतिरोध शुरू होने के बाद वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास स्थानीय लोगों के जीवन पर गंभीर असर पड़ा है.
शिष्टमंडल के दो अन्य सदस्यों के साथ चुशूल के पार्षद कोंचोक स्टेनजिन द्वारा दिया गया प्रत्यावेदन. प्रतिनिधिमंडल ने रक्षा मंत्री से कहा, सीमा की तरफ से संबंधित खानाबदोशों की हरकतें रोकने के लिए भारतीय सेना द्वारा पारंपरिक चरागाह भूमि पर अपने पशुधन चराने से प्रतिबंधित कर दिया जाता है. उन्होंने यह भी बताया कि भारत की ओर से बिना वर्दी के सैनिक तैनात हैं. प्रतिनिधियों ने कहा कि उन्हें सिंह के साथ बैठक के बाद कुछ त्वरित कार्रवाई की उम्मीद है.
Source : IANS/News Nation Bureau