गलवान घाटी में चीनी सेना आज से पीछे हटेगी. इस इलाके में PLA अपने जमावड़े को फेज वाइज करेगा और यहां पूर्ववर्ती स्थिति बहाल होगी. जानकारी के मुताबिक दोनों देशों की सेनाओं में विश्वास का भारी अभाव है लिहाजा यह डीसइनगेजमेंट का प्रोसेस बेहद स्लो होगा और इसमे महीनों लग सकते हैं. ताजा मिली जानकारी के अनुसार गलवान के बाद पेंगोंगत्से लेक की ओर डीसइनगेजमेंट शुरू होगा.
जानकारी के अनुसार पूर्वी लद्दाख में चीन की सेना पीछे हटने को तैयार हो गई है. सूत्रों के मुताबिक, कल मोल्डो में हुई भारत और चीन की बातचीत के बाद फैसला लिया गया है. दोनों देशों के बीच पीछे हटने पर सहमति बनी है. दोनों देशों के बीच सकारात्मक बातचीत हुई है. चीन के साथ तनाव कम करने पर सहमति बनी है.
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बता दें इसी जून महीने की 15-16 तारीख की रात को चीनी बल भारतीय बलों से भिड़ गए जिसमें भारतीय पक्ष के 20 जवान मारे गए; 80 सैनिक घायल हो गए और दस को बंदी बनाया गया और उन्हें 18 जून को रिहा किया गया. हालांकि कि चीन के भी कई जवान इस झड़प में मारे गए लेकिन चीन ने इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया.
भारत-चीन सीमा- या कहें वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी)- 1962 के युद्ध के बाद से उबल रही है, लेकिन 1975 के बाद यह पहला मौका है, जब यहां जानें गई हैं. पैंतालीस वर्षों तक शांति कायम रहना कोई मामूली उपलब्धि नहीं है. लेकिन झड़प के बाद शुरु हुए दोनों सीमाओं की तरफ से अधिकारियों की वार्ता में दोनों ही देश सीमा पर शांति व्यवस्था बनाए रखने पर जोर दे रहे हैं. उसी के चलते अब चीन PLA अपने जमावड़े को फेज वाइज करेगा और यहां पूर्ववर्ती स्थिति बहाल होगी.
Source : News Nation Bureau