भारत में चीन के राजदूत लु झाओहुई ने क्षेत्रीय संबंधों को मजबूत करने के लिए पेइचिंग ने भारत, पाकिस्तान और चीन के बीच शिखर सम्मेलन की वकालत की है।
उन्होंने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) से अलग एक ऐसे समिट को बनाने की वकालत की है जिसमें भारत, चीन के अलावा पाकिस्तान भी शामिल हो।
चीनी राजदूत के इस त्रिपक्षीय बातचीत के सुझाव पर केंद्र सरकार ने प्रतिक्रिया दी है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि 'हमें इस संबंध में चीन सरकार की ओर से कोई सुझाव नहीं मिले हैं। हम इस सुझाव को राजदूत का व्यक्तिगत विचार मानते हैं। भारत-पाकिस्तान के संबंध स्वाभाविक रूप से पूरी तरह द्विपक्षीय हैं और इसमें किसी तीसरे पक्ष के शामिल होने की कोई संभावना नहीं है।'
इस मसले पर कांग्रेस ने भी केंद्र सरकार का साथ देते हुए कहा कि भारत-पाकिस्तान के बीच के मुद्दे द्विपक्षीय हैं और इसमें किसी भी तीसरे पक्ष का दखल स्वीकार नहीं किया जा सकता।
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पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा, ‘हम चीन के राजदूत के बयान की निंदा करते हैं। हमारा मानना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच के मसलों में किसी तीसरे पक्ष की भूमिका को स्वीकार नहीं किया जा सकता।’
गौरतलब है कि भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पार आतंकवाद के कारण पिछले काफी समय से तनाव है जिसका द्विपक्षीय रिश्तों पर भी असर पड़ा है। ऐसे में चीन की ओर से क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने के लिए यह पहल की गई है।
भारत-चीन-भूटान ट्राइजंक्शन पर पिछले साल 73 दिनों तक चले गतिरोध के संदर्भ में उन्होंने कहा, 'हम एक और डोकलाम की घटना नहीं दोहरा सकते हैं। ऐसे में सीमा पर शांति कायम करने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करना चाहिए।'
आपको बता दें कि हाल ही में भारत में अनौपचारिक समिट के नई दिल्ली के ऑफर को चीन ने स्वीकार कर लिया था। 2019 में चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग वुहान जैसी समिट के लिए भारत आएंगे।
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Source : News Nation Bureau