मुंबई (Mumbai) में पिछले साल हुए ब्लैकआउट के पीछे चीनी हैकर्स (Chinese Hackers) की साजिश की बात सामने आई थी. अब तेलंगाना में भी ब्लैकआउट (Blackout) की कोशिश की गई है. हालांकि कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम ऑफ इंडिया के अलर्ट के कारण चीनी हैकर्स की इस कोशिश को नाकाम कर दिया गया है. सामने आया है कि चीनी हैकर्स ने तेलंगाना के टीएस ट्रांस्को और टीएस गेनको पावर सिस्टम को हैक करने की कोशिश की. ये दोनों कंपनियां ही टीएस ट्रांस्को और टीएस गेनको तेलंगाना की प्रमुख पावर यूटिलिटी हैं.
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जांच में सामने आया कि चीनी हैकर्स पावर सप्लाई को बाधित करना चाहते थे. इतना ही नहीं चीनी हैकर्स की डाटा चुराने की भी योजना थी. गेनको इस खतरे को पहले ही भांप गया था. उसने संदिग्ध आईपी एड्रेस को ब्लॉक किया. दूरस्थ जगहों पर काम कर रहे अधिकारियों और पावर ग्रिड का डाटा भी बदल दिया गया. हाल ही में किए गए अध्ययन से सामने आया है कि जुलाई 2020 के बाद से अब तक कम से कम 12 संगठनों, प्रारंभिक बिजली केंद्रों और लोड डिस्पैच सेंटर्स के कंप्यूटर्स को चीनी हैकर्स ग्रुप की ओर से निशाना बनाने का प्रयास किया गया है. जांच में सामने आया कि ये हैकर्स इन कंप्यूटर में मैलवेयर पहुंचाने की कोशिश कर चुके हैं जिससे कि इनका काम बाधित हो सके.
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अमेरिकी कंपनी ने किया खुलासा
अमेरिकी कंपनी रिकॉर्डेड फ्यूचर इंटरनेट के इस्तेमाल पर रिसर्च करती है. उसने अपने अध्ययन में पाया कि चीनी हैकर्स की ओर से अब तक जहां हैकिंग की कोशिशें की गई हैं, उनमें एनटीपीसी, 5 रिजनल लोड डिस्पैच सेंटर और दो बंदरगाह भी शामिल हैं. रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि हैकिंग की यह गतिविधियां सभी से सामने आ रही हैं जब से लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) भारत और चीन की सेना के बीच संघर्ष हुआ है. चीन लगातार ऐसी कोशिशें कर रहा है कि जिससे भारत में ब्लैकआउट जैसी स्थिति बने. भारत उसके बाद से ही चौकन्ना हो गया है.
Source : News Nation Bureau