चीनी हेलीकॉप्टरों ने पिछले महीने हिमाचल प्रदेश में दो बार भारतीय हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया था. अधिकारियों ने रविवार को इस बात खुलासा किया. एक अधिकारी ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि इस घुसपैठ मामले को राज्य सरकार द्वारा केंद्रीय अधिकारियों के समक्ष उचित तरीके से उठाया गया. उन्होंने कहा कि पहली घुसपैठ 11 अप्रैल को और दूसरी 20 अप्रैल को हुई थी. दोनों घटनाओं में, एक चीनी हेलीकॉप्टर को स्पीति उपमंडल में सुमदोह के करीब अंतर्राष्ट्रीय सीमा की भारतीय सीमा में उड़ान भरते हुए देखा गया था.
सुमदोह किन्नौर और लाहौल-स्पीति जिलों की सीमा पर स्थित है. सुमदोह से परे, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के जवान तैनात हैं.हिमाचल प्रदेश की सीमा चीन के साथ लगी हुई है और दुर्लभ प्रजातियों की तस्करी और सीमा पार कंबल और थर्मस फ्लास्क जैसे चीनी सामान की तस्करी अक्सर होती है. इसके पहले सिक्किम (Sikkim) में भारतीय सेना से झड़प के बाद चीन ने ढिठाई दिखाते हुए वास्तविक नियंत्रण रेखा के आसपास सैन्य गतिविधियां तेज कर दी हैं.
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भारतीय सीमा में चीनी सैनिकों के टेंट
कुछ मीडिया इनपुट्स के मुताबिक गलवान नदी के पास चीनी सेना ने टेंट लगा दिए हैं. इन टेंटों के साथ ही लगाए गए बैनरों पर उस स्थान पर चीन अपना दावा ठोंकता नजर आ रहा है. साथ ही भारतीय सेना को वहां से वापस जाने को भी कह रहा है. सैन्य विशेषज्ञों का मानना है कि चीन की इस तरह की उकसावेपूर्ण घटनाएं वास्तव में 1962 के दौर की याद दिला रही हैं. तब भी चीन ने भारत के विश्वास को तोड़ते हुए हमला बोल दिया था. इन दिनों जिस तरह से चीन बर्ताव कर रहा है वह किसी बड़ी साजिश की ओर इशारा कर रहा है.
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भारतीय सेना भी सतर्क
चीन की इसी हरकत को देखते हुए अब भारत ने भी कमर कस ली है. भारत सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चीन लगातार नियंत्रण रेखा पर 1962 जैसी हरकतें कर रहा है और लगातार अपने सैनिकों की संख्या बढ़ा रहा है. चीन की इस हरकत को देखते हुए भारतीय सेना के जवान भी वहां बढ़ाए जा रहे हैं. अधिकारी के मुताबिक, जिस क्षेत्र में चीन अपनी सेना बढ़ा रहा है वहां पर पहले भी सैनिकों के बीच झड़प की खबरें आती रही हैं लेकिन पिछले एक सप्ताह से जैसे हालात दिखाई दे रहे हैं उससे लगता है कि इस बार स्थिति पहले जैसी नहीं है. यही कारण है कि भारत ने भी अपनी स्थिति को और मजबूत करना शुरू कर दिया है.