Advertisment

गलवान जैसे धोखे को दोहराने की कोशिश, भाले-रॉड लेकर रेजांग-ला में आए चीनी सैनिक

पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर हालात अब बेहद खतरनाक हो गए हैं. हाल ही पैंगोंग सो इलाके में घुसपैठ की कोशिश नाकाम होने के बाद चीन बौखलाया हुआ है.

author-image
Dalchand Kumar
New Update
India China Clash

चीन ने फिर किया सरहद में घुसने का दुस्साहस, रेजांग-ला में आए PLA सैनिक( Photo Credit : फाइल फोटो)

Advertisment

पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर हालात अब बेहद खतरनाक हो गए हैं. हाल ही पैंगोंग सो इलाके में घुसपैठ की कोशिश नाकाम होने के बाद चीन बौखलाया हुआ है. ऐसे में विस्तारवादी सोच रखने वाले और धोखेबाज चीन ने एक बार फिर भारतीय सैनिकों पर हमले की साजिश रच डाली. चीनी सैनिकों (Chinese soldiers) ने भारतीय चौकी पर आक्रामक तरीके से बढ़ने दुस्साहस किया है. इस बार चीनी सैनिकों ने नया ठिकाना चुना और गलवान घाटी (Galwan Valley) जैसे धोखे को दोहराने की कोशिश की. मगर भारतीय जज्बाजों ने फिर से चालबाज चीन के इरादों को नाकाम करते हुए वहां से पीएलए के जवानों को खदेड़ दिया है.

यह भी पढ़ें: भारत-चीन में बढ़ते टकराव के बीच आया रूस का बड़ा बयान, कह डाली ये बात

चीन अपनी चालबाजी से बाज नहीं आ रहा है. एलएसी पर तनाव बढ़ने के बीच सूत्रों से पता चला है कि पूर्वी लद्दाख में रेजांग-ला रिजलाइन के मुखपारी क्षेत्र स्थित एक भारतीय चौकी की ओर सोमवार शाम में आक्रामक तरीके से बढ़ने का प्रयास किया. चीनी सैनिकों ने छड़, भाले, रॉड आदि हथियार ले रखे थे. सूत्रों ने बताया कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के लगभग 50-60 सैनिक शाम 6 बजे के आसपास पैंगोंग झील क्षेत्र के दक्षिणी तट स्थित भारतीय चौकी की ओर बढ़े, लेकिन वहां तैनात भारतीय सेना के जवानों ने दृढ़ता से उनका सामना किया, जिससे उन्हें वहां से खदेड़ दिया.

उल्लेखनीय है कि चीन के सैनिकों ने पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी में 15 जून को हुई झड़पों के दौरान पत्थरों, कील लगे डंडों, लोहे की छड़ों आदि से भारतीय सैनिकों पर बर्बर हमला किया था, जिसमें 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे. सूत्रों ने कहा कि हो सकता है कि चीन की सेना ने योजना बनाई हो कि सोमवार शाम में भारतीय सेना को उसी तरह की झड़प में फंसाया जाए, जैसी झड़प गलवान घाटी में हुई थी. क्योंकि उसके सैनिकों ने छड़, भाले और 'गुआनदाओ' आदि हथियार ले रखे थे.

यह भी पढ़ें: चीनी सैनिकों ने भारतीय सीमा में घुसपैठ की नाकाम कोशिश की, देखें Exclusive तस्वीरें 

‘गुआनदाओ' एक तरह का चीनी हथियार है, जिसका इस्तेमाल चीनी ‘मार्शल आर्ट’ के कुछ स्वरूपों में किया जाता है. इसके ऊपर धारदार ब्लेड लगा होता है. जब भारतीय सेना ने चीनी सैनिकों को वापस जाने के लिए मजबूर किया, तो उन्होंने भारतीय सैनिकों को भयभीत करने के लिए हवा में 10-15 गोलियां चलाईं. वास्तविक नियंत्रण रेखा पर 45 साल के अंतराल के बाद गोली चली है. इससे पहले एलएसी पर गोली चलने की घटना 1975 में हुई थी.

सूत्रों ने बताया कि भारतीय सैनिकों ने किसी आग्नेयास्त्र का इस्तेमाल नहीं किया. सूत्रों ने कहा कि चीन के सैनिकों का प्रयास भारतीय सेना को मुखपारी और रेजांग-ला क्षेत्रों में स्थित रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण चोटियों से हटाना था. सूत्रों ने कहा कि पीएलए की नजर पिछले तीन-चार दिनों से रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण चोटियों पर कब्जा करने पर है. सूत्रों ने बताया कि चीन के सैनिकों ने सोमवार शाम में एक लोहे की बाड़ को क्षतिग्रस्त कर दिया, जिसे भारतीय सैनिकों ने क्षेत्र में लगाया था. मोल्डो क्षेत्र स्थित प्रमुख चीनी संरचनाओं के सामने पैंगोंग झील क्षेत्र के दक्षिणी तट के आसपास रणनीतिक चोटियों पर भारत की स्थिति मजबूत बनी हुई है.

यह भी पढ़ें: 

पीएलए ने सोमवार रात में आरोप लगाया था कि भारतीय सैनिकों ने एलएसी पार की और पैंगोंग झील के पास गोलीबारी की. भारतीय सेना ने मंगलवार को आरोपों को खारिज किया. भारतीय सेना ने चीन की पीएलए के आरोपों को मंगलवार को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि उसने कभी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पार नहीं की या गोलीबारी समेत किसी आक्रामक तरीके का इस्तेमाल नहीं किया. एक बयान में, भारतीय सेना ने कहा कि यह पीएलए है जो समझौतों का खुलेआम उल्लंघन कर रही है और आक्रामक युक्तियां अपना रही है जबकि सैन्य, कूटनीतिक एवं राजनीतिक स्तर पर बातचीत जारी है.

LAC Ladakh India China Face Off गलवान घाटी भारत चीन Galwan Valley Rejang La
Advertisment
Advertisment