बीते साल पूर्वी लद्दाख (Ladakh) में हिंसक झड़प के बाद भारत-चीन (China) रिश्तों पर छाए कुहासे को छांटने के लिए कूटनीतिक और सैन्य स्तर वार्ता के कई दौर हो चुके हैं. शनिवार को भी कमांडर स्तर की 12वें दौर की बातचीत 9 घंटे चली. इसमें फिर से भारत (India) ने चीन से गोगरा और हॉट स्प्रिंग्स में डिसइंगेजमेंट के साथ-साथ डेपसांग में बेरोकटोक पेट्रोलिंग अधिकारों को बहाल करने की बात कही. अभी बातचीत की आधिकारिक जानकारी तो नहीं मिली है, लेकिन सूत्रों से संकेत मिले हैं कि दोनों देश हॉट स्प्रिंग्स-गोगरा-कोंगका ला क्षेत्र में चरणबद्ध तरीके से 15, 17 और 17ए से पैट्रोलिंग प्वाइंट पर रुकी हुई सैनिकों की वापसी को पूरा करने को लेकर सहमति के करीब हैं.
आधिकारिक बयान हो सकता है जारी
सूत्रों का कहना है कि इसके बाद ही सैनिकों की वापसी और पूर्वी लद्दाख सीमा से सटे क्षेत्रों में तनाव कम हो सकेगा. एक सूत्र ने कहा, 'फिलहाल कुछ भी निश्चित नहीं कहा जा सकता है, जब तक कि दोनों प्रतिनिधिमंडल वापस नहीं आ जाते हैं. एक या दो दिन में संभावित संयुक्त बयान जारी किए जाने के साथ-साथ उनके संबंधित राजनीतिक-सैन्य पदानुक्रम द्वारा ठीक से समझा नहीं जाता है.' इस बात के संकेत हैं कि दोनों देश हॉट स्प्रिंग्स-गोगरा-कोंगका ला क्षेत्र में चरणबद्ध तरीके से 15, 17 और 17ए से पैट्रोलिंग प्वाइंट पर रुकी हुई सैनिकों की वापसी को पूरा करने को लेकर सहमति के करीब हैं.
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15 महीने से जारी है सीमा पर तनाव
शनिवार को बैठक की अगुवाई भारत की तरफ से 14 कोर कमांडर लेफ्टिनेंट-जनरल पीजीके मेनन और चीन की तरफ से दक्षिण शिनजियांग सैन्य जिला प्रमुख मेजर जनरल लियू लिन ने की. यह बैठक चुशुल-मोल्डो सीमा प्वाइंट पर शनिवार को सुबह 10.30 बजे शुरू होने के बाद शाम 7.30 बजे समाप्त हुई. सूत्रों ने कहा कि भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि 15 महीने के सैन्य टकराव को हल करने के लिए डिसइंगेजमेंट, डी-इंडक्शन और डी-एस्केलेशन की सिक्वेंस प्रोसेस महत्वपूर्ण है.
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अप्रैल 2020 की यथास्थित बहाल करना चाहता है भारत
एक सूत्र ने बताया कि भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने गोगरा, हॉट स्प्रिंग्स और देपसांग के मुद्दे उठाए. इसमें विदेश मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव (पूर्वी एशिया) नवीन श्रीवास्तव भी शामिल थे. यदि तीनों पर समझौता हो जाता है, तो भारत सैनिकों को वापस बुला लेगा. इसकी शुरुआत पहले दो प्वाइंट से होगी. भारत की तरफ से फाइनल सहमति बिंदु अप्रैल 2020 के समय की यथास्थिति को बहाल करना है.
HIGHLIGHTS
- 15, 17 और 17ए से प्वाइंट से सैनिकों की वापसी पर सहमति संभव
- अप्रैल 2020 से पहले की यथास्थित बहाल करना चाहता है भारत
- इसके बाद ही पूर्वी लद्दाख सीमा से सटे क्षेत्रों में तनाव कम हो सकेगा