सोमवार को लोकसभा में चिट फंड संशोधन विधेयक 2019 पेश

निचले सदन में वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने चिट फंड संशोधन विधेयक 2019 पेश किया.

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Ravindra Singh
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सोमवार को लोकसभा में चिट फंड संशोधन विधेयक 2019 पेश

संसद भवन (फाइल)

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लोकसभा में सोमवार को चिट फंड संशोधन विधेयक 2019 पेश किया गया जिसका मकसद चिट फंड क्षेत्र का सुव्यवस्थित विकास करने के लिये चिट फंड उद्योग के समक्ष आ रही अड़चनों को दूर करना और बेहतर वित्तीय पहुंच सुगम बनाना है. निचले सदन में वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने चिट फंड संशोधन विधेयक 2019 पेश किया. इसमें व्यक्तियों की संकलित चिट रकम की अधिकतम सीमा को एक लाख रूपये से संशोधित करके तीन लाख रूपये करने का प्रावधान किया गया है. विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया है कि चिट फंड अधिनियम 1982 को चिट फंडों के विनियमन का उपबंध करने के लिये लाया गया था . यह (चिट फंड) भारत में देशी कारोबार है जिसने निम्न आय वाली गृहस्थियों की वित्तीय आवश्यकताओं की परंपरागत रूप से पूर्ति की है.

चिट फंड एक ऐसा तंत्र है जो किसी योजना में जमा और बचतों को मिश्रित करता है. पूर्व में विभिन्न पक्षकारों द्वारा चिट कारोबार के समक्ष पेश आने वाली चुनौतियों के बारे में चिंताएं व्यक्त की जाती रही थीं. इसलिये केंद्र सरकार ने इस सेक्टर के सुव्यवस्थित विकास के लिये विधिक एवं विनियामक पहल के संबंध में सुझाव देने के लिये चिट फंड पर एक सलाहकार समूह गठित किया था. इस समूह ने संस्थागत एवं विधिक ढांचे में सुधारों के संबंध में अपनी सिफारिशें प्रस्तुत की थी. इस संबंध में वित्त (सोलहवीं लोकसभा) संबंधी संसद की स्थायी समिति ने एकीकृत विनिधान योजना, चिट फंड आदि के विनियमन की प्रभावोत्पादकता के संबंध में सिफारिश की थी.

चिट फंड संशोधन विधेयक 2018 को लोकसभा में 12 मार्च 2018 को पुन:स्थापित किया गया था. इस विधेयक की जांच और रिपोर्ट पेश करने के लिये इसे वित्त संबंधी विभागीय संसदीय स्थायी समिति को भेजा गया था. इस समिति ने 9 अगस्त 2018 को रिपोर्ट पेश कर दी थी. लेकिन उक्त समिति की सिफारिशों की जांच होने से पहले ही सोलहवीं लोकसभा की कार्य अवधि समाप्त हो गई थी. अब इस रिपोर्ट की जांच के बाद समिति की कुछ सिफारिशों को स्वीकार कर लिया गया है और उसे चिट फंड संशोधन विधेयक 2019 में शामिल किया गया. इसमें चिट को परिभाषित करते हुए ‘बंधुता फंड’, आवर्ती बचत और प्रत्यय संस्था शाब्दों को अंत:स्थापित किया गया है. इसमें व्यक्तियों की संकलित चिट रकम की अधिकतम सीमा को एक लाख रूपये से संशोधित करके तीन लाख रूपये करने तथा फर्मो के लिये छह लाख रूपये से संशोधित करके 18 लाख रूपये करने की बात कही गई है.

Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो

Lok Sabha Chit Fund Amendment Bill
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