योगी प्रह्लाद जानी उर्फ चुनरीवाला माताजी का निधन हो गया है. वह 90 साल के थे. उनका दावा था कि पिछले 70 से ज्यादा सालों से उन्होंने अन्न जल त्याग दिया था. उनके शिष्यों के मुताबिक उन्होंने अपने पैतृक गांव चराड़ा में आखिरी सांसे ली. गुजरात में बड़ी संख्या में उनके अनुयायी है. उनका दावा था कि पिछले 70 सालों से वह अन्न-जल कुछ ग्रहण नहीं करते क्योंकि उन्हें इसकी जरूरत नहीं पड़ती. देवी मां ने उन्हें इसके बगैर ही जिंदा रखा है. 2003 औऱ 2010 में वैज्ञानिक भी उनके इस दावे को परख चुके हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वह कुछ समय अपने पैतृक गांव में गुजारना चाहते थे जिसके बाद उन्हे चराड़ा ले जाया गया. यहीं उन्होंने आखिरी सांस ली. बताया जा रहा है कि उनका पार्थिव शरीर कुछ समय के लिए आश्रम में रखा जाएगा ताकी उनके अनुयायी उन्हें श्रद्धांजली दे सकें उसके बाद उनके आश्रम में ही उन्हें समाधि दी जाएगी.
जानी का मां अंबे पर काफी विश्वास था. वह महिलाओं की तरह रहते थे और चुनरी पनते थे इसी के चलते वह चुनरीवाले माता जी के नाम से मशहूर थे. इसी के साथ वह एक ऐसे योगी के तौर पर जाने जाने लगे जो केवल हवा पर जीवन गुजारते थे. उन्होंने बेहद कम उम्र में ही अपना घर छोड़ दिया था औरअंबाजी मंदिर के एक छोटी सी गुफा को अपना घर बना लिया था.
Source : News Nation Bureau