Coronavirus (Covid-19): प्रमुख उद्योग मंडल फिक्की की एक समिति ने सोमवार को कहा कि पिछले कुछ माह के दौरान प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा तस्करी से लाई गई आयातित सिगरेट (Cigarette) की खेप जब्त होने के बढ़ते मामले यह दर्शाते हैं कि कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Epidemic) के कारण लागू लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान सिगरेट की तस्करी बढ़ी है. अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने वाली तस्करी और नकली उत्पाद गतिविधियों के खिलाफ फिक्की द्वारा गठित समिति (कास्केड) ने कहा है कि नवी मुंबई स्थित जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (जेएनपीटी) में 12 जून को 11.88 करोड़ रुपये की विदेशी ब्रांड सिगरेट की बड़े खेप पकड़ी गई.
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लाकडाउन लागू होने के बाद से यह सबसे बड़ी खेप है जो जब्त की गई. फिक्की कास्केड ने एक वक्तव्य में कहा कि पूरे देश में इस तरह का रुझान देखा गया. सड़क परिवहन, कार्गो और यात्री सामान में इस तरह का माल पकड़ा गया है. तस्करी की इन घटनाओं पर चिंता व्यक्ति करते हुये फिक्की कास्केड के चेयरमैन अनिल राजपूत ने कहा कि पूरी दुनिया में सिगरेट की तस्करी एक बड़ा गोरखधंधा है और भारत इसके लिये लगातार उपयुक्त स्थान बना हुआ है. देश जहां एक तरफ कोरोना वायरस की समस्या से जूझ रहा है वहीं इस तरह के तस्करी के सामान लगातार अधिक मात्रा में जब्त हो रहे हैं.
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फिक्की कास्केड ने हाल के एक अध्ययन का हवाला देते हुये कहा कि सिगरेट तस्करी आज की स्थिति में काफी लाभकारी गतिविधि हो गई है. इसकी वजह से 3.34 लाख के करीब रोजगार का भी नुकसान हुआ है. ऐसे में सरकार को अधिक सतर्कता बरतने की जरूरत है.