नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) को लेकर देशभर में हो रहे प्रदर्शन (Protest against CAA and NRC) से आम लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है. देश के कई इलाकों में तो हिंसक प्रदर्शन (Violent Protest) हुए हैं. उपद्रवियों ने दिल्ली (Capital Delhi) सहित कई जगहों पर पब्लिक प्रापर्टी (Public Property) को नुकसान पहुंचाया है. इस प्रदर्शन के दौरान काफी मात्रा में बसों को आग (DTC and other Public Proteries set to fire) के हवाले कर दिया गया जबकि प्रदर्शनकारियों (Protesters) और सुरक्षाबलों (Security Forces) के बीच झड़पें भी हुई. इन उग्र प्रदर्शनों को देखते हुए देश के कई शहरों में धारा 144 लागू (Section 144) कर दी गई है. इसी के साथ ही साथ इंटरनेट की सुविधा (Internet Facility) भी बंद कर दी गई है.
आपको अगर याद हो तो जब जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 और 35ए हटाया गया था उस वक्त भी राज्य में इंटरनेट सेवाओं को सबसे पहले रोक दिया गया था. जबकि इसके पहले भी जब कभी भी घाटी में हिंसक घटनाएं होती थीं तो सबसे पहले इंटरनेट की सुविधा बंद कर दी जाती थी.
यह भी पढ़ें: CAA का विरोध : UP में बढ़ा मौत का आंकड़ा, अब तक 9 लोगों की गई जान, पूरे प्रदेश में हजारों पर मुकदमा दर्ज
फिलहाल अभी नागरिकता संशोधन कानून के विरोध के चलते यूपी के कुल 21 जिलों में इंटरनेट की सुविधा पर फिलहाल रोक है. जबकि असम में पिछली बार 10 दिनों तक इंटरनेट बंद कर दिया गया था. मेंगलूर में हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद 2 लोगों की मौत हुई थी जिसके बाद वहां इंटरनेट बंद कर दिया गया था. जबकि राजधानी दिल्ली में भी इंटरनेट सेवाएं रोक दी गई हैं.
बिहार और गुजरात के विरोध प्रदर्शन वाले इलाकों में इंटरनेट सेवा रोकी गई. जहां भी हिंसक वारदात होती है या हिंसक प्रदर्शन की उम्मीद भी होती है तो जिलाधिकारी सबसे पहले इंटरनेट सेवा पर रोक लगाता है. आखिर क्या है इसका कारण और किन वजहों, नियमों के तहत इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगाई जाती हैं, आइये जानते हैं-
किसी भी आपातकाल की स्थिति में इंटरनेट की सेवा सबसे पहले इसलिए रोकी जाती है ताकि किसी भी तरह की फालतू अफवाहें न फैलाई जा सकें. क्योंकि आज सारी चीजें आपकी व्हाट्सएप और फेसबुक पर हैं तो लोग सबसे पहले इन सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर ही अपनी बातें रखते हैं और इनमें से ज्यादातर चीजें फेक होती है. खासकर, व्हाट्सएप पर तो बिना किसी भी चीज के पीछे का बैकग्राउंड जाने या बिना उसकी सत्यता को परखे हम मैसेजेस फार्वर्ड कर देते हैं जिससे बड़ी घटनाओं को हवा मिल सकती है. इसीलिए इंटरनेट सेवा पर रोक लगा दी जाती है ताकि इस तरह की अफवाहें न फैलाई जा सकें.
यह भी पढ़ें: 1987 से पहले आपका जन्म भारत में हुआ है तो आपको NRC से डरने की जरूरत नहीं, गृह मंत्रालय ने मांगे सुझाव
इंटरनेट सेवाओं पर इस नियम के तहत होती है कार्रवाई
संचार के किसी भी माध्यम पर रोक के लिए टेलीकॉम सर्विस (पब्लिक इमरजेंसी या पब्लिक सेफ्टी) नियम, 2017 की मदद ली जाती है. इसके नियम इंडियन टेलीग्राफ एक्ट 1885 से लिए गए हैं. इंडियन टेलीग्राफ एक्ट 1885 के सेक्शन 5(2) में ये प्रावधान है कि देश की एकता और अखंडता का नुकसान होने से रोकने के लिए संचार माध्यमों पर रोक लगाई जा सकती है. हालांकि हर बार इसी नियम का ही सहारा नहीं लिया जाता है. आजकल धारा 144 के हवाले से संचार के माध्यमों पर रोक लगाई जाती है, जिसका निर्देश डीएम दे सकता है.
बगैर इंटरनेट के ऐसे भेज सकते हैं मैसेज
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शनों को रोकने के लिए देश के कई हिस्सों में इंटरनेट सेवाएं बाधित करने के बावजूद ज्यादा फर्क नहीं पड़ा है. माना जा रहा है कि ऐसा प्रदर्शनकारियों की ओर से संदेशों के आदान-प्रदान के लिए फायरचैट नामक ऐप के इस्तेमाल के चलते हुआ, जो बगैर इंटरनेट के चलता है.
इन आशंकाओं को बल तब और मिला, जब हालिया शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों के बीच गूगल प्ले स्टोर पर फायर चैट ऐप ट्रेडिंग में भी रहा. गूगल प्ले स्टोर से अब तक दस लाख बार फायर चैट को डाउनलोड किया जा चुका है।यह ऐप बिना इंटरनेट के काम करता है. ब्लूटूथ और वाईफाई के जरिए काम करता है.
यह भी पढ़ें: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बुलाई मंत्रिमंडल की बैठक, CAA और NRC पर चर्चा संभव
गुरुवार को हिंसक प्रदर्शनों के दौरान दिल्ली, उत्तर प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में इंटरनेट सेवाएं बाधित कीं गईं थीं, बावजूद इसके कई स्थानों पर भीड़ को एकत्र होने से नहीं रोका जा सका. फायर चैट से बिना मोबाइल फोन नेटवर्क के भी आप अपने आसपास के फायरचैट यूजर से बातचीत कर सकते हैं.
HIGHLIGHTS
- नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देशभर में हो रहे प्रदर्शन से आम लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है.
- उपद्रवियों ने दिल्ली (Capital Delhi) सहित कई जगहों पर पब्लिक प्रापर्टी (Public Property) को नुकसान पहुंचाया है.
- जानें किन नियमों के तहत बंद किया जाता है इंटरनेट.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो