केंद्रीय उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को एयर इंडिया की बिक्री को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट की मांग के लिए एक ज्ञापन जारी किया है. एयर इंडिया के रणनीतिक विनिवेश के लिए यह ज्ञापन जारी किया गया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने आज एयर इंडिया के रणनीतिक विनिवेश के लिए ईओआई की मांग करने वाले एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट के लिए प्रारंभिक सूचना ज्ञापन जारी किया है. गृह मंत्री की अध्यक्षता में नए गठित एयर इंडिया मैकेनिज्म ने रणनीतिक के लिए इच्छुक बोलीदाताओं से एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट को आमंत्रित करने की मंजूरी दी है.
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उन्होंने कहा कि लगभग 60,000 करोड़ रुपये के ऋण के कारण एयर इंडिया की वित्तीय स्थिति बेहद खराब है. इस दौरान एय़र इंडिया को सिर्फ कर्ज के जाल में फंसा हुआ कहा जा सकता है. उन्होंने कहा कि कंपनी के प्रस्तावित लेनदेन के समापन से पहले एयर इंडिया की परिसंपत्तियों के द्वारा एरियर के साथ कर्मचारियों के बकाए का भुगतान किया जाएगा. पुरी ने कहा कि एयर इंडिया एक्सप्रेस के साथ-साथ एयर इंडिया एक बड़ी संपत्ति है. इसके 146 विमान हैं, उनमें से 82 इन संस्थाओं के स्वामित्व में थे. इसके आगे उन्होंने कहा कि आज हमने जो प्रक्रिया शुरू की है, वह 2018 में शुरू प्रक्रिया से बिल्कुल भिन्न है.
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भारत सरकार द्वारा एयर इंडिया में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचने के लिए बोलियां मंगाने के सरकार के फैसले पर नागरिक विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस एक अच्छी परिसंपत्ति है. हरदीप सिंह पुरी ने यह भी कहा कि बोली लगाने में सफल रहने वाले Air India ब्रांड का उपयोग का उपयोग जारी रख सकेंगे. वहीं एयरलाइन प्रमुख अश्वनी लोहानी ने कहा है कि एयर इंडिया के पास अतिरिक्त स्टाफ नहीं है, सेवानिवृत्त कर्मचारियों के चिकित्सा लाभ का मुद्दा सुलझाया जा रहा है.
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बता दें भारत सरकार ने एयर इंडिया (AI) में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचने के लिए बोलियां मंगाई है. बोलियां लगाने की आखिरी तारीख 17 मार्च 2020 है. सरकार ने सब्सिडियरी कंपनी एयर इंडिया एक्सप्रेस और एयरपोर्ट सर्विस कंपनी AISATS को भी बेचने के लिए बोलियां आमंत्रित की है. सरकार Air India Express से भी अपनी पूरी हिस्सेदारी बेच रही है. एयरलाइन के प्रबंधन पर नियंत्रण सफल बोली लगाने वाले को हस्तांतरित किया जाएगा.