सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पर पूर्व महिला कर्मचारी द्वारा लगाए गए आरोपों की अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी. आरोप लगाने वाली महिला और सेक्रेट्री जनरल तुषार मेहता को भी पेश होने का नोटिस जारी किया है. इस बीच सीजेआई को साजिश के तहत फंसाये जाने का आरोप लगाने वाले वकील उत्सव बैंस ने फिर दोहराया है कि इसके पास आरोपों को साबित करने के लिए सीसीटीवी फुटेज हैं. उत्सव के दावे पर जस्टिस अरुण मिश्रा ने चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा कि हमने पहले ही पुलिस से उत्सव को सुरक्षा मुहैया कराने को कहा है.
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इससे पहले मसले पर आंतरिक जांच के लिए गठित तीन जजों की समिति ने बुधवार को पहली मीटिंग की. इसके बाद नोटिस जारी करते हुए शिकायत करने वाली महिला और सेकेट्री जनरल को भी रिकॉर्ड के साथ शुक्रवार को पेश होने के लिए कहा. गौरतलब है कि जस्टिस एसए बोबडे, एनवी रमना और इंदिरा बनर्जी समिति के सदस्य हैं. सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा जजों में वरिष्ठता के हिसाब से जस्टिस बोबडे दूसरे और रमना तीसरे नंबर के जज हैं.
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दूसरी ओर चीफ जस्टिस पर पूर्व महिला कर्मचारी की तरफ से लगाए गए आरोपों पर सुनवाई भी शुरू हो गई है. सुनवाई करने वाली बैंच में जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस रोहिंटन नरीमन, जस्टिस दीपक गुप्ता शामिल हैं. चीफ जस्टिस को साजिशन फंसाये जाने का आरोप लगाने वाले वकील उत्सव ने एक सीलबंद लिफाफे में अदालत को दस्तावेज सौंपे हैं. उसका दावा है कि वह उपलब्ध सबूतों के आधार पर सिद्ध कर सकता है कि सीजेआई को फंसाया जा रहा है.
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पुलिस के पास नहीं जाने का कारण बताते हुए उत्सव बैंस ने कहा कि पुलिस सरकार के अधीन है, जो कि एक राजनीतिक पार्टी है. ऐसे में पूरे मामले में स्थितियां साफ करने के लिए न्यायिक जांच होनी चाहिए. इधर मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में पूरे मामले की सिट जांच होनी चाहिए.
Source : Arvind Singh