राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाने के तरीकों पर बातचीत के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक बैठक बुलाई गई। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत अन्य बड़े दिग्गज शामिल हुए। हालांकि इसमें यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा शामिल नहीं हुए।
सरकारी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राज्यसभा में नेताप्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवानी उन लोगों में शामिल हैं जिन्होंने 'राष्ट्रीय समिति' की पहली बैठक में हिस्सा लिया था।
पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु, पुडुचेरी, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ समेत कुल 23 मुख्यमंत्रियों ने हिस्सा लिया। इस बैठक में महात्मा गांधी की जयंती पर होने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा पर चर्चा की गई।
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इस समारोह की शुरुआत महात्मा गांधी जयंती यानी 2 अक्टूबर से शुरू होगा।
कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, 'महात्मा गांधी भारत की आत्मा की आवाजा थे। महात्मा ही हमारा अतीत, वर्तमान और भविष्य हैं।' उन्होंने इस दौरान महात्मा गांधी के अहिंसा का सिद्धांत को आज भी उतना ही प्रासंगिक बताया जितना कि पहले था।
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस कार्यक्रम को जनआंदोलन की तरह मनाने का अह्वान किया। उन्होंने इस दौरान कहा, 'महात्मा गांधी ने देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर किए। उन्होंने एक आंदोलन का नेतृत्व किया जिससे हमारी पीढ़ियां स्वतंत्रता की वायु में सांस ले सकें और जीवंत लोकतंत्र में रह सकें।'
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Source : News Nation Bureau