Advertisment

Supreme Court Bar Association में पहली बार नहीं हुआ CJI का विदाई भाषण

रंजन गोगोई ने 3 अक्टूबर साल 2018 में चीफ जस्टिस का पद ग्रहण किया था. रंजन गोगोई ने पंजाब, हरियाणा, गुवाहाटी के उच्च न्यायालय में अपनी सेवाएं दी थी.

author-image
Ravindra Singh
एडिट
New Update
Supreme Court Bar Association में पहली बार नहीं हुआ CJI का विदाई भाषण

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई( Photo Credit : ट्वीटर)

Advertisment

शुक्रवार 15 नवंबर को भारत के 46वें चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के कार्यकाल का आखिरी दिन होगा. वो 17 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं जबकि 16 तारीख को उनके सेवानिवृत्त की औपचारिकताएं होंगी. अपने कार्यकाल के आखिरी दिन मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की शुक्रवार को उनके कार्यकाल का आखिरी दिन है. आपको बता दें कि रंजन गोगोई ने 3 अक्टूबर साल 2018 में चीफ जस्टिस का पद ग्रहण किया था. रंजन गोगोई ने पंजाब, हरियाणा, गुवाहाटी के उच्च न्यायालय में अपनी सेवाएं दी थी. आपको बता दें कि अब तक की ये परंपरा रही है कि चीफ जस्टिस के विदाई समारोह में चीफ जस्टिस और आने वाले चीफ जस्टिस का भाषण होता है. लेकिन SCBA की ओर से आयोजित कार्यक्रम में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई का कोई भाषण नहीं हुआ. ख़ुद चीफ जस्टिस रंजन गोगोई भी कुछ नहीं बोले. आज शाम को 5.30 बजे चीफ जस्टिस वीडियो कांफ्रेंसिंग के ज़रिए 650 हाई कोर्ट जजों, 15000 ज़िला और तहसील अदालतों के जजों से संवाद करेंगे

शुक्रवार को सीजेआई ने कार्यसूची में दर्ज सभी 10 मामलों में नोटिस जारी किया. 17 नवंबर 2019 को रिटायर होने से पहले मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई अयोध्‍या के रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद और राफेल घोटाला जैसे बड़े मामलों में फैसला दे चुके हैं. सीजेआई के नेतृत्‍व में पांच जजों की संविधान पीठ ने 9 नवंबर को अयोध्‍या में राम मंदिर-बाबरी मस्‍जिद विवाद में फैसला दिया था.

यह भी पढ़ें-राजीव गांधी हत्याकांड: पत्नी और संबंधियों से मिल सकेगा मुरुगन, अदालत ने रोक हटाई

सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर के पक्ष में फैसला देते हुए मुस्‍लिम पक्ष को अयोध्‍या में कही और जमीन देने का आदेश उत्‍तर प्रदेश सरकार को दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि राम मंदिर बनाने को लेकर केंद्र सरकार एक ट्रस्‍टी बोर्ड बनाए और तीन माह में निर्माण की रूपरेखा तय करे. CJI रंजन गोगोई के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट में अयोध्‍या मामले की रोजाना सुनवाई हो रही थी. 40 दिनों की सुनवाई के बाद संविधान पीठ ने 16 अक्टूबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था. अयोध्या विवाद में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 2010 के फैसले को सभी पक्षों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.

यह भी पढ़ें-जम्मू कश्मीर पुलिस ने आतंकवाद की चुनौती का बहुत बहादुरी से सामना किया: उप राज्यपाल

अयोध्‍या प्रकरण के अलावा राजनीतिक रूप से सनसनीखेज राफेल डील पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ डाली गई पुनर्विचार याचिका की सुनवाई भी रंजन गोगोई की कोर्ट में हुई. एक दिन पहले ही यानी 14 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने इस पर फैसला देते हुए पुनर्विचार याचिका को खारिज कर मोदी सरकार को बड़ी राहत दी. इसके साथ ही राहुल गांधी के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर कोर्ट ने उन्‍हें सोच-समझकर बोलने की नसीहत दी. इसी साल 10 मई को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई पूरी कर ली थी और फैसला सुरक्षित रख लिया था. पूर्व केंद्रीय मंत्रियों यशवंत सिन्‍हा और अरुण शौरी के अलावा सुप्रीम कोर्ट के वरिष्‍ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने राफेल डील में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए सीबीआई जांच की मांग की थी.

Supreme Court Bar Association CJI Ranjan Gogoi Chief Justice of Indian CJI Retires on 17th November CJI Last working day
Advertisment
Advertisment