मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने मौलिक अधिकारों पर बात करते हुए कहा कि न्यायपालिका का काम नागरिकों के हितों और अधिकारों की रक्षा करना है।
उन्होंने कहा, 'हमारा काम है कि हम लोगों के मौलिक अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करें। हमारा काम जांच करना नहीं है लेकिन ये देखना हमारा काम है कि जांच ठीक से हो ताकि दोषियों को सजा दी जा सके।'
उन्होंने कहा कि देश की प्रगति के लिए न्यायपालिका, विधायिका और कार्यपालिका के बीच सामंजस्य ज़रूरी है। मुख्य न्यायाधीश नेशनल लॉ डे के अवसर पर बोल रहे थे।
इस दौरान उन्होंने केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के न्यायिक सक्रियता (ज्यूडिशियल एक्टिविज्म) के आरोपों का भी जवाब दिया।
दीपक मिश्रा ने कहा, 'हमें नीति (पॉलिसी) बनाने का कोई शौक नहीं है लेकिन नीति (पालिसी) की व्याख्या/समीक्षा करने की हमारी जिम्मेदारी है।'
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Source : News Nation Bureau