सरकार का वीआईपी कल्चर को खत्म करने के दावों की पोल साफ खुलती नजर आ रही है। ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च ऐंड डवलपमेंट (बीपीआरऐंडडी) और गृह मंत्रालय की ओर से जारी हालिया आंकड़ों के अनुसार, 20,000 वीआईपी की सुरक्षा के लिए औसतन 3 पुलिसकर्मी हैं।
इसके ठीक उलट आम जनता की हिफाजत के लिए पुलिसकर्मियों की भारी कमी है। आंकड़ों के अनुसार वीआईपी कल्चर की जड़ें पूर्वी और उत्तर भारत में सबसे ज्यादा गहरी हैं। बिहार में आम जनता के लिए पुलिसकर्मियों की नियुक्ति का अनुपात सबसे खराब है।
बिहार में 3,200 वीआईपी की सुरक्षा के लिए 6,248 पुलिसकर्मी तैनात हैं।
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पश्चिम बंगाल भी इस लिहाज से पीछे नहीं है। बंगाल में 2,207 वीआईपी हैं और उनकी सुरक्षा के लिए 4,233 पुलिसकर्मी तैनात हैं।
बीपीआरऐंडडी के जारी आंकड़ों के अनुसार, 'भारत के 29 राज्यों और 6 केंद्र शासित प्रदेशों में वीआईपी के लिए तैनात पुलिसकर्मियों की संख्या औसतन 2.73 है। लक्षद्वीप देश का अकेला संघशासित प्रदेश है जहां किसी भी वीआईपी की सुरक्षा में पुलिसकर्मी तैनात नहीं हैं। वहीं भारत में हर 663 लोगों पर 1 पुलिसकर्मी तैनात है।
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HIGHLIGHTS
- 1 वीआईपी के लिए 3 और 663 लोगों पर 1 पुलिसकर्मी तैनात
- बिहार और पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा वीआईपी कल्चर
Source : News Nation Bureau