अमरनाथ यात्रा का कैंप बादल फटने की घटना से तबाह हो गया है. कई टेंट बह गए हैं. अब तक 16 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है. राहत और बचाव कार्य जारी हैं, लेकिन खराब मौसम की वजह से रुकावटें आ रही हैं. एनडीआरएफ की टीम युद्धस्तर पर लोगों की जान बचाने में लगी है. इस बीच सेना के वरिष्ठ अधिकारी भी मौके पर पहुंचे हैं. बता दें कि कल रात बारिश हो रही थी, अंधेरा था और पानी भी कम नहीं हुआ था. इसके बावजूद एनडीआरएफ की टीम जो पवित्र गुफा के पास मौजूद थी उसके अलावा घाटी और बालटाल से भी पहुंचाई जा रही है.
जानकारी के मुताबिक, मौसम की खराबी की वजह से सुबह 4:00 और 6:00 के बीच में 2 घंटे के लिए ऑपरेशन रुक गया था. हमारे 75 जवान काम कर रहे हैं. एनडीआरएफ के डीजी अतुल करवाल ने कहा कि मृत्यु की संख्या बढ़ने पर अभी मैं कुछ नहीं कह सकता, लेकिन उम्मीद है कि गुमशुदा लोगों की संख्या में अब और बढ़ोतरी नहीं होगी. अभी तक 5 लोगों को बचाया गया है, 16 लोगों की मृत्यु हुई है और 40 के आसपास गुमशुदा है.
वायु सेना पहुंचा रही टीम, हर श्रद्धालु की जान बचाने की कोशिश
भारतीय वायु सेना के विमान से हमारी टीम पंजाब से अमरनाथ के लिए रवाना हो गई है. आगे उन्हें वायु सेना के हेलीकॉप्टर से घटनास्थल पर पहुंचाया जाएगा. उनके पास अत्याधुनिक उपकरण भी है, जो बड़े पत्थरों को तोड़ने में काम आते हैं. हमारी कोशिश है कि जितना संभव हो उतनी श्रद्धालुओं की जान बचाई जाए.
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गृह मंत्रालय से मिल रहे हैं निर्देश
सीआरपीएफ, एनडीआरएफ, आइटीबीपी ,बीएसएफ स्थानीय प्रशासन और भारतीय सेना मिलकर काम कर रही है. सभी सशस्त्र बलों के बीच पूरा सहयोग है. हमारी कोशिश है कि अगर आज मौसम साफ रहता है और पानी उतरता है, तो हम जल्दी से जल्दी इस ऑपरेशन को पूरा करें. गृह मंत्री अमित शाह भले ही जयपुर में मौजूद हैं,लेकिन गृह मंत्रालय की तरफ से हमें इस ऑपरेशन के लिए स्पष्ट और लगातार निर्देश भेजे जा रहे हैं.
HIGHLIGHTS
- अमरनाथ यात्रियों को निकालने की कोशिश
- रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी एनडीआरएफ
- अब तक 16 की मौत, 40 लापता