मणिपुर के मुख्यमंत्री का कार्यभार संभालने के बाद एन. बीरेन सिंह ने शुक्रवार को राज्य में जनजातीय और गैर-जनजातीय लोगों के बीच संबंधों को बेहतर करने के लिये मणिपुर के सांकेतिक नरेश लीशहेम्बा सनजाओबा से मुलाकात की। इस मुलाकात में उन्होंने समुदायों के बीच सौहार्द्र बनाए रखने को लेकर सहायता भी मांगी। सनजाओबा ने उन्हें हर संभव मदद देने का भरोसा दिया है।
प्रोटोकॉल तोड़कर मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने शुक्रवार सुबह इंफाल में अपने आवास पर पूर्व नरेश से मुलाकात की।
उन्होंने कहा, "आज जनजातीय और गैर-जनजातीय लोगों के रूप में वर्गीकृत हो चुके लोग पहाड़ों और घाटियों में प्राचीन काल से एक ही माता-पिता के बच्चे के रूप में रह रहे थे।"
और पढ़ें: त्रिवेंद्र सिंह रावत: RSS स्वयंसेवक फिर मोदी और अमित शाह के करीबी और अब उत्तराखंड के सीएम
उन्होंने कहा, "लोग आज भी मानते हैं कि जनजातीय लोग बीते समय में गैर-जनजातीय लोगों के बड़े भाई रहे हैं।"
बीरेन सिंह ने सनजाओबा से आग्रह किया कि अपने अच्छे संबंधों का इस्तेमाल भाईचारा कायम करने के लिए करें। सनजाओबा का जनजातीय लोगों में काफी प्रभाव है।
मणिपुर में एक वार्षिक अनुष्ठान 'मेरा होचोग्बा' होता है, इसमें वरिष्ठ लोगों के बीच उपहार का आदान-प्रदान किया जाता है।
और पढ़ें: मनोज सिन्हा होंगे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री? बीजेपी विधायक दल की बैठक 18 मार्च को
बीरेन सिंह ने कहा, "सनजाओबा भाईचारे के रिश्ते को मजबूत कर सकते हैं।"
उन्होंने कहा, "हमने पहाड़ी जिलों का दौरा कर वहीं मंत्रिमंडल की बैठक करने का फैसला किया है, जिससे कि हमारे मंत्री तत्काल लोगों की जरूरतों के बारे में जान सकें। सरकार घाटी और पहाड़ी क्षेत्र का संतुलित विकास चाहती है।"
सरकार पहले ही युनाइटेड नागा काउंसिल द्वारा नवंबर 2016 से लागू की गई अनिश्चितकालीन आर्थिक नाकेबंदी को खत्म करने के लिए अपील कर चुकी है।
Source : News Nation Bureau