मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने आरोप लगाया है कि शिलॉन्ग में भड़की हिंसा कराने के लिये पैसा और शराब बांटा गया है। साथ ही उन्होंने हिसा के सांप्रदायिक होने से इनकार किया है।
गुरुवार को हिंसा शुरू हुई थी। जिसके बाद वहां पर कर्फ्यू लगा दिया गया था, लेकिन रविवार को हिंसा प्रभावित इलाके में लागू कर्फ्यू में 7 घंटे की ढील दी गई।
दिल्ली के शिरोमणि अकाली दल के नेताओं का एक दल शिलांग का दौरा किया है। वहां के पंजाबी लाइन इलाके में रहने वाले लोगों और स्थानीय सरकारी बस के कर्मचारियों के के बीच विवाद के बाद हिंसा भड़की थी। बस के कर्मचारी वहां की खासी समुदाय के हैं। इसके अलावा पंजाब सरकार ने भी अपना एक दल यहां पर भेजा है। इस हिंसा में अब तक करीब 10 लोग घायल हुए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि पूर्वी खासी जिले में रविवार सुबह आठ बजे से शाम 3 बजे तक ईसाई समुदाय के लोगों को चर्च जाने की अनुमति दी गई थी।
सीएम कोनराड ने कहा, 'यह समस्या स्थानीय है और स्थानीय मुद्दे पर हुई है। यह संयोग है कि इसमें दो समुदाय शामिल हैं लेकिन यह सांप्रदायिक हिंसा नहीं है।' उन्होंने कहा कि कुछ स्वार्थी समूह और राज्य के बाहर की मीडिया का एक खेमा इसे सांप्रदायिक हिंसा का रंग दे रहा है।
सीएम कोनराड ने कहा, 'अभी तक जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है वो पूर्वी खासी हिल्स जिले के बाहर के हैं और उन्हें पैसा और शराब दिया गया। हमारे पास इसके सबूत हैं।'
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शिलॉन्ग में गुरुवार शाम को पंजाबी लाइन इलाके के लोगों और स्थानीय सरकारी बस कर्मचारियों के बीच विवाद हो गया था। इस झड़प में एक कंडक्टर घायल भी हुआ था।
लेकिन ये झड़प तब और उग्र हो गया जब सोशल मीडिया पर अफवाह फैली कि घायल सहायक की मौत हो गई है।
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Source : News Nation Bureau