मराठा संगठनों द्वारा आरक्षण की मांग को लेकर बुलाए गए महाराष्ट्र बंद के दूसरे चरण में राज्य में छिटपुट हिंसा की घटना सामने आई।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस पर चर्चा के लिए शनिवार को विधानसभा में एक बैठक बुलाई है, जिसमें दोनों सदनों के पार्टी नेताओं को आमंत्रित किया गया है।
महाराष्ट्र के लोक निर्माण मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने मीडिया से बातचीत के दौरान इस खबर की पुष्टि की। उन्होंने कहा, 'मराठा आंदोलन के कारण राज्य में कानून और स्थिति पर सभी पार्टियों द्वारा चर्चा की जानी चाहिए।'
मराठा संगठनों द्वारा आरक्षण की मांग को लेकर बुलाए गए महाराष्ट्र बंद के दौरन कई हिंसक घटनाएं सामने आईं। मराठा आरक्षण आंदोलन के पहले चरण ने हिंसक रूप अख्तियार कर लिया था।
कई बसों को फूंक दिया गया और ठाणे में लोकल ट्रेन को प्रदर्शनकारियों ने रोक दिया था। बुधवार को मराठा क्रांति द्वारा विरोध प्रदर्शन के दौरान लातूर में दो समूहों के बीच हिंसक झड़प हो गई थी।
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ज्यादातर दुकानें व वाणिज्यिक प्रतिष्ठान महत्वपूर्ण क्षेत्रों में बंद रहे। इन क्षेत्रों में दादर, अंधेरी, मुलुंड, कंजुरमार्ग, बोरीवली, कांदिवली व अन्य कई जगहें शामिल रहीं। मराठा कार्यकर्ताओं ने दुकानदारों से जाकर दुकानें बंद करने को कहा और बंद के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने का आग्रह किया।
मराठा सरकारी नौकरियों और शिक्षा में उचित आरक्षण की मांग कर रहे हैं और इसके लिए बीते दो सालों से शांतिपूर्ण आंदोलन होते रहे हैं, लेकिन सोमवार को 28 वर्षीय काकासाहेब दत्तात्रेय शिंदे ने आरक्षण की मांग को लेकर गोदावरी नदी में कूदकर आत्महत्या कर ली थी। शिंदे की मौत के बाद राज्य में कई जगहों पर आंदोलन उग्र हो गया था।
कई जगह जुलूस निकाले गए और आगजनी की घटनाएं हुईं। कई मराठा समूहों ने नौ अगस्त को अगस्त क्रांति दिवस के रूप में मनाने के लिए महाराष्ट्र बंद की घोषणा की है। इस आंदोलन के में दो प्रदर्शनकारियों ने ख़ुदकुशी कर ली वहीं ख़ुदकुशी की कोशिश कर रहे एक अन्य शख्स को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
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Source : News Nation Bureau