पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दिल्ली में हुई किसान ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसा को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा हैं, उन्होंने कहा कि दिल्ली की सड़कों पर हुई घटनाओं से उन्हें काफी दुख पहुंचा है, लेकिन इसके लिए केंद्र सरकार को असंवेदनशील रवैये का जिम्मेदार ठहराया जाए. ममता बनर्जी ने कहा कि किसानों को विश्वास में लिए बिना ही सरकार ने नए कृषि कानूनों को पारित कर दिया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को किसानों के साथ बातचीत करनी चाहिए और इन ‘तानाशाही’ कानूनों को निरस्त किया जाना चाहिए.
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ममता ने ट्वीट में कहा, दिल्ली की सड़कों पर होने वाली चिंताजनक एवं पीड़ादायक घटनाओं से बुरी तरह व्याकुल हूं. इस स्थिति के लिए केंद्र के असंवेदनशील रवैये और हमारे किसान भाइयों एवं बहनों के प्रति उदासीनता को दोषी ठहराया जाना चाहिए. पहले तो इन कानूनों को किसानों को विश्वास में लिए बिना पारित कर दिया गया. इसके बाद पूरे भारत में और पिछले 2 महीनों से दिल्ली की सीमा पर डेरा डाले हुए किसानों के भारी विरोध के बावजूद उनसे डील करने में काफी लापरवाही दिखाई. केंद्र को किसानों के साथ बातचीत करनी चाहिए और इन ‘तानाशाही’ कानूनों को निरस्त करना चाहिए.
Deeply disturbed by worrying & painful developments that have unfolded on the streets of Delhi.
Centre's insensitive attitude and indifference towards our farmer brothers & sisters has to be blamed for this situation. (1/2)
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) January 26, 2021
गणतंत्र दिवस पर आयोजित किसानों के ट्रैक्टर परेड का लक्ष्य कृषि कानूनों को वापस लेने और फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी की मांग करना था. दिल्ली पुलिस ने राजपथ पर समारोह समाप्त होने के बाद तय रास्ते से ट्रैक्टर परेड निकालने की अनुमति भी दी थी, लेकिन हजारों की संख्या में किसान समय से पहले विभिन्न सीमाओं पर लगे अवरोधकों को तोड़ते हुए दिल्ली में प्रवेश कर गए. कई जगह पुलिस के साथ उनकी झड़प हुई और पुलिस को लाठी चार्ज और आंसू गैस के गोलों का सहारा लेना पड़ा.
Source : News Nation Bureau